पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन का करीबी सहयोगी अरेस्ट, अमेरिका में 9/11 के हमले की साजिश में था शामिल

पाकिस्तान के पंजाब के आतंकवाद निरोधी विभाग (CTD) विभाग ने अलकायदा के एक वरिष्ठ नेता अमीन उल हक को गिरफ्तार किया है. उसे अमेरिका में 9/11 हमलों के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन का करीबी सहयोगी बताया गया है. सीटीडी पंजाब ने कहा कि उसने उल हक के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें उस पर प्रांत में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर हमले की योजना बनाने का आरोप लगाया गया है.
सीटीडी ने एक बयान में कहा कि एक बड़ी सफलता के रूप में ओसामा बिन लादेन के करीबी सहयोगी और अलकायदा के वरिष्ठ नेता अमीन उल हक को खुफिया जानकारी पर आधारित अभियान के दौरान आतंकवाद निरोधी विभाग पंजाब ने गिरफ्तार कर लिया है.
बयान में कहा गया कि उल हक को पंजाब के गुजरात जिले के सराय आलमगीर शहर से गिरफ्तार किया गया. बयान में कहा गया है कि अमीन उल हक 1996 से ओसामा बिन लादेन का करीबी सहयोगी था और कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था.
UNO के आतंकियों की सूची में शामिल है नाम
साथ ही कहा गया है कि उल हक का नाम संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल है. सीटीडी ने कहा कि अमीन उल हक की गिरफ्तारी पाकिस्तान और दुनिया भर में आतंकवाद से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है.
इसने आगे कहा कि पकड़ा गया आतंकवादी देश में बड़े पैमाने पर आतंकवाद फैलाने की योजना बना रहा था. बयान में कहा गया है कि सीटीडी पंजाब आतंकवादियों और राज्य विरोधी तत्वों को सलाखों के पीछे लाने के अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगाा.
ओसामा बिन लादेन का सुरक्षा पर्यवेक्षक था हक
डीआईजी गोंडल ने खुलासा किया कि अमीनुल हक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू हो गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हक को ओसामा बिन लादेन का सुरक्षा पर्यवेक्षक माना जाता था.
अमीनुल हक को पहले 2007 में गिरफ्तार किया गया था और उसे चार साल की सजा हुई थी. डीआईजी गोंडल ने कहा कि एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रचार किया था. हाल ही में, हक को अगस्त 2021 में पाकिस्तान में फिर से प्रवेश करने से पहले अफगानिस्तान में देखा गया था. हिरासत में लिए गए आतंकवादी के पास एक पाकिस्तानी पहचान पत्र था, जिसमें लाहौर और हरिपुर के पते दर्ज थे.
2011 में मारा गया था लादेन
यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि वह पाकिस्तान में कैसे घुसा और किस पहचान के साथ वह यात्रा कर रहा था. डीआईजी गोंडल ने जोर देकर कहा कि आतंकवादी के खिलाफ दर्ज मामले की सख्ती से जांच की जाएगी और अपराधी को कानून की पूरी हद तक सामना करना पड़ेगा.
बता दें कि बिन लादेन 2011 में एबटाबाद शहर में अपने ठिकाने पर अमेरिकी छापे के दौरान मारा गया था. पिछले एक साल में पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों में तेजी देखी गई है, खास तौर पर बलूचिस्तान में, जब प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने नवंबर 2022 में सरकार के साथ अपना संघर्ष विराम समाप्त कर दिया.

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