पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के निशाने पर क्यों हैं पंजाब के लोग? जानिए वजह

पाकिस्तान में बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग अब जोर पकड़ रही है. सोमवार को बलूचिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के हमलों में कई लोगों की जान चली गई, मूसाखेल में BLA के हथियारबंद लड़ाकों ने हाइवे बंद कर गाड़ियों की जांच की और पहचान पूछकर 23 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस टारगेट किलिंग में मारे गए लोगों में 20 नागरिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के थे.
यह कोई पहला मामला नहीं है जब बलूच लिबरेशन आर्मी ने पंजाब प्रांत के लोगों को निशाना बनाया हो. इससे पहले हुए कई हमलों में मारे जाने वाले लोग पंजाब प्रांत के ही थे. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई में पंजाब के लोगों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है? हुकूमत के खिलाफ जारी संघर्ष में दूसरे राज्य के लोग टारगेट पर क्यों हैं?
हुकूमत के खिलाफ जंग, निशाने पर पंजाब!
दरअसल भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के वक्त से ही बलूचिस्तान के लोग आजाद मुल्क चाहते थे. उनका मानना है कि पाकिस्तान का इस क्षेत्र पर अवैध कब्जा है. यही वजह है कि बलूचिस्तान को आजाद कराने के लिए कई तरह के संगठन और गुट बने, लेकिन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी इनमें से सबसे ज्यादा मजबूत और प्रभावशाली संगठन है. करीब 24 साल पहले आधिकारिक तौर पर इसकी स्थापना हुई और तब से अब तक यह बलूचिस्तान की आजादी की लड़ाई लड़ रहा है. हालांकि उसकी यह जंग पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ है लेकिन उसके निशाने पर पंजाब प्रांत के लोग हैं.
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पंजाब के लोगों की टारगेट किलिंग!
1. सोमवार को बलूचिस्तान के मुसाखेल में बस और ट्रकों से उतारकर लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं. यह हमला लोगों की पहचान चेक करने के बाद किया गया था, जिसमें 23 लोग मारे गए. हमलावरों ने राराशम इलाके में नेशनल हाईवे ब्लॉक कर दिया और आने-जाने वाले वाहनों की तलाशी ली. लोगों के आईडी कार्ड चेक कर उनकी पहचान सुनिश्चित की गई और फिर उन पर फायरिंग कर दी.
2. पिछले साल अक्टूबर में बलूचिस्तान के तुरबत में एक अज्ञात बंदूकधारी ने पंजाब के 6 मजदूरों को गोलियों से भून डाला था. पाकिस्तान पुलिस ने इसे टारगेट किलिंग बताया था, पुलिस के मुताबिक इन मजदूरों पहचान के आधार पर इन्हें निशाना बनाया गया था.
3. साल 2015 में एक बंदूकधारी ने निर्माण कार्य में लगे 20 मजदूरों को मार डाला, यह हमला बलूचिस्तान के तुरबत में मजदूरों के कैंप के करीब हुआ, जिसमें 3 मजदूर घायल भी थे. मारे गए सभी लोग पंजाब और सिंध प्रांत से ताल्लुक रखते थे.
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टारगेट किलिंग के 2 मुख्य कारण
पाकिस्तान में BLA के पुराने हमलों पर गौर करें तो लगभग एक जैसा पैटर्न देखने को मिलता है. इनके निशाने पर खासतौर पर पाकिस्तानी सेना के लोग होते हैं लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी रहीं हैं जिसमें चुन-चुन कर पंजाब के लोगों को टारगेट किया गया है. पंजाब के लोगों के खिलाफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के गुस्से के पीछे 2 मुख्य कारण बताए जा रहे हैं.
पहली वजह- पाकिस्तान की राजनीति और नौकरशाही में पंजाब का वर्चस्व. दरअसल निर्माण के बाद से ही पंजाब प्रांत का पाकिस्तान की राजनीति में खासा दबदबा रहा है. यह क्षेत्रफल के लिहाज से भले ही पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा प्रांत हो लेकिन आबादी सबसे ज्यादा है. उधर बलूचिस्तान क्षेत्रफल के लिहाज से पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है लेकिन आबादी काफी कम है. बलूचिस्तान में गैस, कोयला और तांबे का भंडार पाया जाता है लेकिन यह पाकिस्तान का सबसे कम विकसित राज्य है.
दूसरी वजह- अलगाव और अन्याय की भावना. बलूच लोगों के मुताबिक पंजाबी बहुल पाकिस्तानी राज्य बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का फायदा उठाते हैं, पाकिस्तान में चल रही चीन की परियोजना खासकर ग्वादर पोर्ट के निर्माण में चीनी विशेषज्ञों के अलावा पंजाब प्रांत के इंजीनियर्स और टेक्निकल स्टाफ रखा गया है. वहीं इन परियोजनाओं से न तो बलूचिस्तान के युवाओं को रोजगार मिला और न ही राज्य की आर्थिक तरक्की हुई. यही वजह है कि बलूच लोगों में पंजाब प्रांत और वहां के लोगों के खिलाफ गुस्सा हावी है.

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