पाक के पूर्व पीएम इमरान खान ने भ्रष्टाचार मामले में बरी करने की दी अर्जी, कोर्ट ने कही ये बात

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में बंद है. उन्होंने अदालत में एक अर्जी दी है. इसमें उन्होंने 19 करोड़ पौंड के भ्रष्टचार मामले में आरोप मुक्त करने की अपील है. पूर्व पीएम ने इस याचिका में भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में संशोधन का हवाला दिया है, जिसकी उन्होंने पहले कड़ी आलोचना की थी. इमरान पिछले साल अगस्त से ही जेल में बंद हैं.
पाकिस्तान के एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक पीटीआई के संस्थापक ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के कानूनों में संशोधन को चुनौती दी थी. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 15 सितंबर को एनएबी कानून में संशोधन को खारिज कर दिया था. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा की अदालत ने सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कानून में किए गए संशोधनों को बहाल कर दिया था.
संशोधन में कई कानूनों में बदलाव
इन संशोधनों से एनएबी कानूनों में कई बदलाव हुएं. इनमें एनएबी अध्यक्ष और महाभियोजक का कार्यकाल घटाकर तीन साल करना, ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र को 50 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से अधिक के मामलों तक सीमित करना तथा सभी लंबित पूछताछ, जांच और मुकदमों को संबंधित प्राधिकारियों को ट्रांसफर करना शामिल है.
एजेंसी ने अपने अधिकार का उल्लंघन किया
इमरान खान की ओर से दाखिल आवेदन में कहा गया कि एनएबी जानती थी कि उनका मामला राष्ट्रीय जवाबदेही अध्यादेश, 1999 के दायरे में नहीं आता है, लेकिन उसने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया और झूठा मुकदमा दर्ज किया. एनएबी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में खान ने तीन दिसंबर, 2019 को मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसके दौरान गोपनीय समझौते को मंजूरी दी गई थी.
याचिका पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
हालांकि, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय ने खान की याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिका में न तो किसी एफआईआर के बारे बताया है और न ही याचिका के साथ कोई दस्तावेज लगाया गया है. इसके साथ ही कहा कि जब सैन्य मुकदमे का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो सुप्रीम कोर्ट में ही याचिका कैसे दायर की जा सकती है.
सैन्य मुकदमे पर बोले रक्षामंत्री
वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सबूत पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा से संबंधित मामलों में सैन्य मुकदमे की ओर इशारा करते हैं. आसिफ ने कहा कि सैन्य सुनवाई पहले भी हुई है और भविष्य में भी होती रहेगी.
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