पाक सरकार को कैसे मिली इमरान खान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की ताकत, समझें?
पाकिस्तान में इमरान खान की राजनीति पर ब्रेक लगाने की तैयारी है. इसके लिए शहबाज सरकार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है. इसके अलावा इमरान खान, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अली और पूर्व नेशनल एसेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी कर ली है. इसका आधार पाकिस्तान के संविधान को बनाया गया है.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 17 में ऐसे प्रावधान हैं जो पाकिस्तान में किसी भी दल को प्रतिबंधित करने की शक्ति देते हैं. उन्होंने बताया कि संबंधित पार्टी के नेताओं पर अनुच्छेद-6 के तहत कार्रवाई की जाएगी. खास बात ये है कि पाक सरकार की ओर से ये घोषण सुप्रीम कोर्ट की ओर से इद्दत के मामले में इमरान खान को मिली राहत के तुरंत बाद की गई है.
क्या है पाक संविधान का अनुच्छेद-17
पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 17 (2) में किसी भी राजनीतिक दल का गठन करने और उसका सदस्य होने का प्रावधान है. बशर्ते वह कानून पाकिस्तान की संप्रभुता और अखंडता के हित में हो. इसी में आगे ये भी प्रावधान है कि अगर पाक सरकार किसी राजनीतिक दल को पाकिस्तान की संप्रभुता या अखंडता के लिए हानिकारक मानती है, तो सरकार ऐसे दल पर प्रतिबंध के लिए प्रस्ताव बनाकर शीर्ष अदालत के पास भेजेगी और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सर्वमान्य होगा.
क्या कहता है अनुच्छेद-6
पाक के सूचना मंत्री ने पाक के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और कासिम नूरी पर भी कार्रवाई की तैयारी की है. इसके लिए अनुच्छेद 6 को हथियार बनाया गया है जो राजद्रोह से संबंधित है. इस अनुच्छेद के तहत कार्रवाई के लिए कैबिनेट द्वारा अनुमोदन के बाद प्रस्ताव शीर्ष अदालत में भेजा जाएगा. दरअसल अनुच्छेद 6 में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति बल प्रयोग, प्रदर्शन या किसी असंवैधानिक तरीके से संविधान को निरस्त या निलंबित करने की कोशिश करता है तो उसे राजद्रोह का दोषी माना जाएगा.
ये सबूत बनेंगे आधार
सूचना मंत्री अताउल्लाह ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान को तरक्की चाहिए तो पीटीआई पर प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी है. उन्होंने बताया कि पीटीआई को विदेशी फंडिंग मिल रही है. 9 मई के दंगों में भी पीटीआई शामिल थी और सिफर प्रकरण के साथ अमेरिका में जो प्रस्ताव पारित हुआ था, उसी को आधार बनाकर ये कार्रवाई की जाएगी. पाक सरकार के पास इसके सबूत भी हैं.
पीटीआई ने दी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार के इस कदम की पीटीआई ने आलोचना की है. पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर कहा गया है कि इस फैसले से देश की नींव उखड़ जाएगी. पोस्ट में पार्टी ने ये भी कहा कि कोई भी देशभक्त पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टी पर प्रतिबंध के बारे में नहीं सोच सकता. पीटीआई पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष हम्माद अजहर ने भी सरकार के इस ऐलान की निंदा की है.