पानी की बर्बादी पर और सख्त हुई दिल्ली सरकार, ऐसा करने पर MCD लेगी एक्शन
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पानी की किल्लत से जूझ रही है. जल संकट को दूर करने के लिए केजरीवाल एक्शन मोड में है. सरकार ने पानी की बर्बादी करने वालों पर नजर रखने के लिए बाकायदा टीम बनाई है. इस बीच, दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान आतिशी ने कहा, अगर कोई भी कंस्ट्रक्शन साइट पीने के पानी का इस्तेमाल करती पाई गई तो MCD उसे सील करेगी. उन्होंने कहा कि कार वाशिंग में और कार सर्विंस सेंटर पर अगर कोई पानी के पानी का प्रयोग करता हुआ पाया गया तो कार्रवाई होगी.
‘MCD लेगी एक्शन’
जल मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि हम सेंट्रल वाटर टैंकर के लिए वार रूम बना रहे हैं. पानी के टैंकर के लिए 1916 पर काल करना होगा. जहां-जहां पानी की कमी है, वहां पर प्रशासन की टीम पहुंचकर पानी पहुंचाएगी. जहां पर भी बोरवेल हैं, वहां पर भी देखेंगे कि बोरवेल ठीक है कि नहीं.
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड की 200 लोगों की एक टीम पानी के वेस्टेज को देखेगी. अगर कोई भी कंस्ट्रक्शन साइट पीने के पानी का इस्तेमाल करती पाई गई तो MCD उसे सील करेगी. कार वाशिंग में और कार सर्विंस सेंटर पर अगर कोई पानी के पानी का प्रयोग करता हुआ पाया गया तो कार्रवाई होगी.
इससे पहले आतिशी ने वजीराबाद यमुना जलाशय का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि वह हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने के मुद्दे पर वह केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगी. दिल्ली में भीषण गर्मी के कारण पानी की कमी हो रही है और राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास है. आतिशी ने आरोप लगाया है कि पानी की कमी की वजह हरियाणा द्वारा यमुना में दिल्ली के हिस्से का पानी रोकना है.
उन्होंने लिखा, आज केंद्र सरकार को भी पत्र लिखूंगी. उनकी भी ज़िम्मेदारी है कि दिल्ली को अपने हिस्से का पानी मिले. हरियाणा को दिल्ली का पानी रोकने का कोई अधिकार नहीं है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि नल में पाइप लगा वाहन धोने, निर्माण और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए घरेलू जल आपूर्ति के इस्तेमाल पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. जल मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को 200 टीम तैनात करने का निर्देश दिया है ताकि पानी की बर्बादी रोकने के लिए पाइप से कार धोने, पानी की टंकियों से पानी बहते रहने और निर्माण एवं वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए घरेलू जल आपूर्ति का इस्तेमाल करने जैसी गतिविधियों को रोका जा सके.