पिता ने की टीम इंडिया की कप्तानी, बेटा बना भारत का कोच, अकेले ही खूंखार गेंदबाजों से भिड़ गया था दिग्गज बल्लेबाज
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का जन्म आज ही के दिन (23 सितंबर) 1952 में हुआ था. अपनी डिफेंसिव तकनीक के चलते अंशुमान ‘द ग्रेट वॉल’ के नाम से भी मशहूर थे. भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे जुझारू क्रिकेटरों की बात जब भी होती है तो अंशुमन गायकवाड़ का नाम जरूर लिया जाता है. अंशुमन गायकवाड़ का निधन इसी साल 31 जुलाई को हुआ था. वह लंबे समय से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे.
जब खूंखार गेंदबाजों से भिड़े अंशुमन गायकवाड़
1970 के दशक में गायकवाड़ और सुनील गावस्कर की जोड़ी हिट थी. महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर एक छोर से रन बनाते थे, तो गायकवाड़ उनके साथ पारी की शुरुआत में होने वाले पेसरों के हमलों को बखूबी झेलने और बेकार करने में माहिर थे. उनकी सबसे जुझारू पारी 1975-76 में जमैका के एक खतरनाक ट्रैक पर आई थी. उस मैच में भारत के कप्तान बिशन बेदी ने वेस्टइंडीज की खतरनाक गेंदबाजी के विरोध में बल्लेबाजी करने से इनकार कर दिया था. लेकिन गायकवाड़ ने माइकल होल्डिंग की शॉर्ट गेंदों का सामना करते हुए 81 रन बनाए थे, हालांकि सिर पर चोट लगने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
टीम इंडिया के हेड कोच भी बने
अंशुमन गायकवाड़ ने भारत के लिए 1974 में डेब्यू किया था. उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले. गायकवाड़ ने भारत के लिए 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में अपना आखिरी टेस्ट खेला. उन्होंने टेस्ट में 30 की औसत से 1985 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 10 अर्धशतक शामिल थे.
अंशुमन गायकवाड़ ने वनडे क्रिकेट में डेब्यू 1975 के वर्ल्ड कप में किया था.अंशुमन ने उस मैच में 46 गेंद पर 22 रन बनाए थे. वहीं, उन्होंने अपने 15 वनडे मैचों में सिर्फ 289 रन बनाए थे. क्रिकेट करियर खत्म होने के कई सालों बाद 1997 में वह भारतीय टीम के कोच. वह दो साथ साल तक भारतीय टीम के कोच रहे. भारतीय टीम ने उनके कोच रहते ही 1998 में शारजाह में त्रिकोणीय सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को हराया था.
पिता ने की टीम इंडिया की कप्तानी
अंशुमन गायकवाड़ का जन्म 23 सितंबर 1952 के बम्बई (अब मुंबई) में हुआ था. उनके पिता दत्ताजीराव गायकवाड़ भी टेस्ट क्रिकेटर थे और भारतीय टीम के कप्तान भी रहे थे. उन्होंने 1952 और 1961 के बीच भारत के लिए 11 टेस्ट खेले थे. इस दौरान 1959 में इंग्लैंड दौरे पर उन्हें टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था. उन्होंने इन 11 टेस्ट मैचों में 47.56 की औसत से 3139 रन बनाए, जिसमें 14 शतक शामिल थे. वह 2016 में भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर बने थे. दत्ता गायकवाड़ का निधन इसी साल 95 साल की उम्र में हुआ था.