पिता ने छोड़ा बेसहारा, मां ने ईंट ढोकर पेट पाला, बस ने कुचला पैर, पैरालंपिक में ऐसा करने वाले अकेले भारतीय

कहते हैं जिसके सिर पर पिता का हाथ हो उसे फिक्र करने की बात नहीं. लेकिन, मरियप्पन थेंगावेलु की कहानी अलग है. कहा जाता है कि उनके पिता ने उनका साथ छोड़ दिया. उनके भाई-बहनों को छोड़ दिया. उनकी मां को छोड़ दिया. सबको बेसहारा कर वो चले गए. अब परिवार का पेट तो पालना था, लिहाजा मां ने दिहाड़ी मजदूरी का काम शुरू किया, जो कि काम था ईंट ढोने का. मां को हर रोज ईंट ढोने के 100 रुपये मिलते थे, उसी में पूरे परिवार का गुजारा होता था. ये सिलसिला तब तक चला जब तक कि मां ने सब्जियों की अपनी एक दुकान नहीं डाल ली.
5 साल की उम्र में मेरियप्पन हुए हादसे का शिकार
हालांकि, जैसे हर अंधेरे के बाद उजाला होता है. वैसा ही उजाला भारतीय पारा एथलीट मेरियप्पन थेंगावेलु के जीवन में भी हुआ. ये उजाला खेलों में मेरियप्पन की सफलता के चलते आया. ये उजाला मेरियप्पन के उस बुलंद इरादे के चलते आया, जिसके बूते उन्होंने कभी खुद को असहाय नहीं समझा. मेरियप्पन जब 5 साल के थे तभी उनकी जिंदगी में तूफान आया था. स्कूल जाने के दौरान शराब के नशे में ड्राइवर ने बस को उनके पैर पर चढ़ा दिया. इस हादसे में उन्हें अपना दायां पैर गंवाना पड़ा. मगर जमाना चाहे जो सोचे मेरियप्पन को उससे फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कभी खुद को दूसरे बच्चों से अलग नहीं समझा.
पैरालंपिक में ऐसा करने वाले अकेले भारतीय
आज वो जिस मुकाम पर खड़े हैं, उनकी उसी पॉजिटिव सोच का नतीजा है. मेरियप्पन भारत के एकमात्र ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने पैरालंपिक में लगातार 3 मेडल जीते हैं. उन्होंने ये कारनाम रियो 2016 में गोल्ड, टोक्यो 2020 में सिल्वर और पेरिस 2024 में ब्रॉन्ज जीतकर किया. तीनों ही पैरालंपिक में मेरियप्पन ने मेडल पुरुषों के हाई जंप T63 इवेंट में पहना. पेरिस पैरालंपिक में उन्होंने 1.85 मीटर जंप लगाकर ब्रॉन्ज जीता है.
इनाम के पैसे से बनवाया घर, मां के लिए खरीदी जमीन
मेरियप्पन की कामयाबी में उनकी मां का बड़ा योगदान है. उन्हें अपनी मां का वो संघर्ष याद है, जो उन्हें बड़ा और काबिल बनाने के लिए उन्होंने किया है. यही वजह है कि रियो और टोक्यो पैरालंपिक के बाद मिली इनामी राशि से उन्होंने अपनी मां के लिए खेती करने को कुछ जमीन खरीदे, ताकि परिवार की जिंदगी और अच्छी हो सके. उन्होंने परिवार के लिए एक अच्छा घर भी बनाया.
खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री जैसे बड़े सम्मान हासिल कर चुके मेरियप्पन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट हैं.

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