पीएम के भाषण के समय सदन में हंगामा उचित नहीं… राजनाथ सिंह का विपक्ष को नसीहत

सोमवार को शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले एनडीए सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों से पीएम नरेंद्र मोदीके भाषण के समय हंगामा नहीं करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान दोनों सदनों- लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा और व्यवधान पैदा किया था. भाषण के दौरान व्यवधान पैदा करना संसदीय परंपरा के लिए उचित नहीं था.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि संसद को सुचारू रूप से चलाना सरकार और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है.
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है कि संदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले. उन्होंने कहा कि पिछले सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भाषण दे रहे थे, तो लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से व्यवधान पैदा किये गये थे.
उन्होंने कहा किपीएम के भाषण के समय व्यवधान पैदा करने या हंगामा करना संसदीय परंपरा के लिए ठीक नहीं था. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री और कोई भी सांसद सदन में बोलते हैं, तो सभी को सुनना चाहिए.
सरकार सदन में चर्चा को तैयार
किरेन रिजिजू ने बताया कि भाजपा को मिलाकर कुल 44 राजनीतिक पार्टियों से 55 नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने बजट सत्र को लेकर बहुत ही अच्छे सुझाव दिए हैं. सभी पार्टियों ने सर्वदलीय बैठक में अपने-अपने मुद्दों को उठाया. केंद्र सरकार सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के साथ चर्चा कर, दोनों सदनों की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार ही चर्चा होगी. उन्होंने साफ कहा कि केंद्र सरकार हर तरह के मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है.
सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा
किरेन रिजिजू ने बजट सत्र के दौरान सदन क कार्यवाही को लेकर बताया कि 22 जुलाई को आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा. वहीं 23 जुलाई को सदन में आम केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. उन्होंने आशा जताई कि इस साल का बजट सत्र अच्छे तरह से कामकाज होगा. सरकार इस सत्र के दौरान बजट पेश करेगी और इस बजट का सभी को इंतजार है. पहले सदन में बजट पर चर्चा होगी और उसके बाद सरकार की ओर से विधेयक लाया जाएगा.

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