पीएम मोदी के कन्याकुमारी में मेडिटेशन प्रोग्राम पर बिफरीं ममता, चुनाव आयोग से करेंगी शिकायत

लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक चरण का मतदान बचा है. और पीएम नरेंद्र मोदी चुनाव खत्म होने के बाद ध्यान में बैठेंगे. चुनाव खत्म होने के बाद पीएम मोदी तमिलनाडु के कन्याकुमारी जाएंगे. वह समुद्र के बीचों-बीच विवेकानन्द शिला पर बैठकर ध्यान करेंगे. ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद केदारनाथ गुफा में ध्यान लगाया था. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मोदी की इस योजना पर सवाल उठाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कन्याकुमारी में ध्यान का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया तो तृणमूल कांग्रेस इसका चुनाव आयोग से शिकायत करेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का पूरी तरह से उल्लंघन होगा.
इस दिन ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि मोदी ध्यान पर बैठेंगे, लेकिन मीडिया में इसका प्रसारण क्यों किया जाएगा? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इस पर कोई विरोध क्यों नहीं कर रहा है. ममता बनर्जी ने कहा, ”क्या कोई ध्यान करते वक्त कैमरा रखता है? हर बार आखिरी चुनाव के बाद वह कहीं जाकर बैठ जाते हैं और ध्यानमग्न दिखते हैं. पूरी जगह को वातानुकूलित बना दिया जाता है.”
2014 चुनाव के बाद पीएम मोदी ने शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था. 2019 में उन्हें केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान करते हुए देखा गया था. और इस बार वह तमिलनाडु के कन्याकुमारी में ध्यान करेंगे. मोदी 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान मंडपम में मेडिटेशन करेंगे. बताया जाता है कि इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद को ‘भारत माता’ के बारे में दिव्य दर्शन हुए थे.
कन्याकुमारी जाना चाहती थीं ममता
इस बीच, ममता बनर्जी ने अफसोस जताते हुए कहा, मैंने सोचा था कि मैं एक बार कन्याकुमारी जाऊंगी. मैंने सोचा था कि कुछ नहीं बोलूंगी. मैं देख रहाी हूं कि इस पर पहले से ही आरएसएस का कब्जा है. उन्होंने यह भी कहा, ”समुद्र के बीच में एक खूबसूरत जगह है. लोग वहां जाते हैं. अन्य लोग वहां ध्यान करेंगे. ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगी.
माकपा-बीजेपी में तालमेल
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भाजपा इस लोकसभा चुनाव में बंगाल में सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि वे हार गए हैं.
उन्होंने कहा कि बंगाल से सीपीआई (एम) की सरकार को हटाने के लिए 34 साल तक उसके खिलाफ लड़ाई लड़ी. अगर हम ऐसा कर सकते हैं, तो हम भाजपा को भी हरा सकते हैं, और हम ऐसा करेंगे.

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