पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को मिलेगा रिलायंस का सहारा, देश में ही बनेंगे सोलर पैनल
बढ़ते बिजली के बिल को सस्ता करने और लोगों तक 300 यूनिट मुफ्त बिजली पहुंचाने के लिए देश में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) शुरू की गई है. बहुत जल्द देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज इस योजना को सहारा देने और सफल बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की बुधवार को हुई 47वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में मुकेश अंबानी ने एक ऐसा ऐलान किया है, जो इस योजना के लिए काफी अहम हो सकता है.
दरअसल पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंदर लोगों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार के अलावा अलग-अलग राज्य सरकारें भी सब्सिडी देती हैं. इस योजना के लिए सबसे जरूरी कोई चीज है, तो वह है सोलर पैनल. बस यहीं से इस योजना को सफल बनाने में मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी का रोल शुरू होता है.
रिलायंस देश में ही बनाएगी कम्प्लीट सोलर पैनल
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि कंपनी अब ग्रीन एनर्जी की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. कंपनी लंबे समय से सोलर मॉड्यूल के देश में ही प्रोडक्शन के लिए काम कर रही है और इस साल के अंत तक गुजरात के जामनगर में उसकी गीगा फैक्टरी में उत्पादन शुरू भी हो जाएगा. ये दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा सोलर पैनल कारखाना होगा. इस तरह दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और इस फैक्टरी के शुरू होने के साथ ही जामनगर दुनिया की ‘एनर्जी कैपिटल’ होगी.
मुकेश अंबानी ने कहा कि उनकी सोलर गीगा फैक्टरी की शुरुआत प्रोडक्शन कैपेसिटी 20 गीगावाट होगी. इस फैक्टरी को ऐसे डेवलप किया गया है कि इसकी कैपेसिटी को तेजी से बढ़ाया जा सकेगा.इस गीगा फैक्टरी की खास बात ये होगी कि यहां एक ही जगह पर ना सिर्फ सोलर फोटोवॉल्विक सेल बनेंगे. बल्कि सोलर पैनल बनाने में इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग मॉड्यूल या कंपोनेंट जैसे वेफर और इनगॉट, पॉलीसिलिकॉन और ग्लास का उत्पादन भी यहीं होगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस कदम से भारत को ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के लक्ष्यों को पाने में मदद मिलेगी. ये देश में घरेलू तौर पर ही उत्पादन किए गए सोलर पैनल की व्यवस्था करेगा.
जल्द शुरू होगा लीथियम बैटरी बनाने का भी काम
मुकेश अंबानी ने ये भी बताया कि 2025 में मेगावाट स्तर पर सोडियम-आयन सेल के प्रोडक्शन का इंडस्ट्रलाइजेशन करने और 2026 में पहली बार 50 मेगावाट वार्षिक क्षमता की लीथियम बैटरी सेल की पायलट परियोजना शुरू करने का लक्ष्य भी रखा गया है. रिलायंस ने 2021 में ऐलान किया था कि वह 2030 तक देश में 100 गीगावाट (1 गीगावाट =1000 मेगावाट) रिन्यूएबल एनर्जी पर आधारित एक नया एनर्जी बिजनेस डेवलप करने के लिए अगले 3 सालों में 10 अरब डॉलर का निवेश करेगी.
इस योजना में गुजरात के जामनगर में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोडक्शन के लिए उपकरण, बैटरी स्टोरेज, एनर्जी सेल और हाइड्रोजन की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 4 बड़े कारखाने स्थापित करना शामिल है. रिलायंस का अक्षय ऊर्जा कारोबार शुरू होने के बाद पांच से सात वर्षों में ही उतनी कमाई करने लगेगा, जितनी अभी उसका पेट्रोकेमिकल कारोबार करता है.
उन्होंने बताया कि कंपनी ने कच्छ में बंजर भूमि को पट्टे पर लिया है. इस बंजर भूमि में अगले 10 सालों में लगभग 150 अरब यूनिट बिजली पैदा होगी. ये भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर होगी.