पीसीओएस की समस्या को हल्के में न लें, ये बन सकती है कैंसर का कारण, यूं करें बचाव

भारत में महिलाओं में एक बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इसको पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहते हैं. यह बीमारी अब कम उम्र में ही हो रही है. 18 से 22 साल की लड़कियों में भी इसके केस बढ़ रहे हैं. एंड्रोजन हार्मोन में गड़बड़ी के कारण यह समस्या होती है. इसके कारण महिला के अंडाशय में सिस्ट बन जाती है.यह बीमारी अगर शुरू में कंट्रोल न की जाए तो इससे बाद में बांझपन का खतरा भी रहता है. कुछ मामलों में यह कैंसर के खतरे को भी बढ़ाती है.
डॉक्टर बताते हैं कि आज के समय में महिलाओं में यह बीमारी काफी सामान्य हो गई है. बीते एक दशक में इसके केस काफी बढ़े हैं. इसका एक बड़ा कारण महिलाओं की खराब लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतें हैं. मानसिक तनाव, डायबिटीज और थाइराइड की बीमारी भी पीसीओएस के खतरे को बढ़ा देती है. आइए डॉक्टर से जानते हैं कि ये बीमारी कितनी खतरनाक है. इसके लक्षण क्या हैं और कंट्रोल कैसे किया जा सकता है.
क्या पीसीओएस से होता है कैंसर का खतरा
सीके बिड़ला हॉस्पिटल में स्त्री रोग विभाग की डॉ. प्रियंका सुहाग बताती हैं कि किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या के इलाज के लिए उसका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण है. अगर किसी महिला को पीसीओएस है, तो उन्हें स्वस्थ जीवनशैली को प्राथमिकता देनी चाहिए और कैंसर के खतरे के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
जहां तक बात पीसीओडी या पीसीओएस से कैंसर के रिस्क की है तो यह महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, खासकर रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के बाद इसके होने की आशंका बढ़ जाती है. हालांकि, बड़े अध्ययनों ने इसकी निश्चित रूप से पुष्टि नहीं की है, लेकिन कुछ ऐसे फैक्टर हैं जो ओवेरियन कैंसर के रिस्क को बढ़ा सकते हैं. ऐसे में आपको इन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है.
पीसीओडी और पीसीओएस को ऐसे करें कंट्रोल
स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा ओवेरियिन कैंसर सहित कई कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है. ऐसे में आपको अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहिए
संतुलित आहार लें: इसमें भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें.
रोज एक्सरसाइज करें : रोज कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. इससे कई तरह के कैंसर का खतरा कम होता है.
योग करें : कई रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि योग करने से पीसीओडी और पीसीओएस के बढ़ते लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है
पीसीओडी के लक्षण क्या हैं
पीरियड्स समय पर न आना
चेहरे पर बाल आना
मुंहासे आना
मोटापा बढ़ना

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