पुणे का पोर्शे नहीं है पहला और आखिरी केस, नाबालिग ने 2 लोगों को रौंदा, किसे मिलेगी सजा?

पुणे का पोर्शे हादसा लोग अभी अपने जेहन से मिटा भी नहीं पाए थे, अब ऐसा ही एक मामला कानपुर में सामने आया है. जहां कानपुर पुलिस ने एक नाबालिग लड़के को जुबेनाइल होम भेजा है. कानपुर के इस नाबालिग ने बीते साल अक्टूबर में अपने पिता की कार से दो लोगों को कुचला था, जिनकी मौत हो गई थी. वहीं दोबारा अब इस नाबालिग ने कार से ही 4 लोगों को कुचल कर घायल कर दिया है.

पुणे के पोर्शे कांड में एक 17 साल के नाबालिग ने कार से दो आईटी प्रोफेशनल्स को कुचला था, जिसमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस केस में नाबालिग को गिरफ्तारी के एक दिन से भी कम समय में जमानत मिल गई, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया और मामले की गहरी जांच की मांग की गई.
नाबालिग को गाड़ी देने पर क्या सजा?
अगर माता-पिता या अभिभावक किसी नाबालिग को गाड़ी देते हैं और उस गाड़ी से कोई हादसा होता है तो कानून के मुताबिक ऐसे केस में माता-पिता और अभिभावक को भी आरोपी बनाया जाता है. साथ ही इस केस में तीन साल तक की कैद और पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं मोटर वाहन का पंजीकरण 12 महीने के लिए रद्द किया जाता है.
केस फाइल करने में हुई देरी
कानपुर मामले में नाबालिग के खिलाफ केस देरी से फाइल करने पर पुलिस ने विभागीय जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कुचलने वाला नाबालिग शहर के एक प्रमुख डॉक्टर का बेटा है. वहीं कानपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपी किशोर के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने और उसके खिलाफ कार्रवाई में देरी के चलते एक विभागीय जांच शुरू की गई है.
कब का है मामला?
कानपुर का ये मामला बीते साल 27 अक्टूबर 2023 का है, जिसमें आरोपी नाबालिग ने अपने पिता की कार से कुचलकर दो लोगों को मार दिया था. जिसमें आईपीसी की धारा 304 ए के तरह मामला दर्ज हुआ था. वहीं एक बार फिर इस नाबालिग ने 31 मार्च 2024 को अपनी कार से 4 लोगों को कुचल दिया. जो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
क्या है IPC का सेक्शन 304A?
आईपीसी का सेक्शन 304A कहता है, जब कोई भी बिना सोचे-समझे या लापरवाही से ऐसा कार्य करता है जो किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है वो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा. यह एक जमानती अपराध है.

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