पुतिन से बदले की आग में क्या हद से आगे बढ़ गया यूक्रेन? जेलेंस्की पर आ सकती है नई मुसीबत!

रूस-यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुसीबत बढ़ सकती है. रूस ने यूक्रेन पर कुर्स्क स्थित न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमले की कोशिश का आरोप लगाया था. रूस ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाली एजेंसी IAEA को इसकी जानकारी भेज दी थी. आज एजेंसी के चीफ राफेल ग्रोसी इस न्यूक्लियर प्लांट का जायज़ा लेने कुर्स्क पहुंचे हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 22 अगस्त को अधिकारियों के साथ बैठक में आरोप लगाया था कि यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क में घुसपैठ के बाद न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बनाने की कोशिश की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन इस न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर अपनी शर्तों पर रूस को बातचीत की टेबल पर लाना चाहता था, लेकिन उसकी यह प्लानिंग कामयाब नहीं हो सकी. हालांकि यूक्रेन की ओर से फिलहाल इन आरोपों पर कोई सफाई नहीं दी गई है.
न्यूक्लियर प्लांट को लेकर IAEA चिंतित
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी के एजेंसी के चीफ ने रूस पहुंचने से पहले कहा था कि, मौके पर पहुंचकर ही न्यूक्लियर प्लांट सुरक्षा को जांचना और उसकी पुष्टि करना मुमकिन होगा. जो कि रूस के स्टेट न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन के अंतर्गत आता है. ग्रोसी ने कहा कि न्यूक्लियर पावर प्लांट की सुरक्षा को किसी भी कीमत पर खतरे में नहीं डाला जा सकता, उन्होंने कहा कि IAEA की सबसे बड़ी चिंता न्यूक्लियर प्लांट की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
6 अगस्त को यूक्रेन ने किया घुसपैठ
दरअसल 6 अगस्त को यूक्रेन की सेना ने अचानक रूस की सीमा में घुसपैठ कर दिया. यूक्रेन की सेना ने कुर्स्क इलाके में कई गांवों पर कब्जा करने और सैकड़ों रूसी बंधक बनाने का दावा किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन की सेना कुर्स्क में जिन इलाकों में सैन्य ऑपरेशन चला रही है वहां से ये न्यूक्लियर प्लांट 40 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. रूस ने आरोप लगाया था कि कुर्स्क प्लांट से करीब 100 मीटर की दूरी पर यूक्रेन के ड्रोन देखे गए हैं. जिसकी जांच के लिए आज IAEA के प्रमुख कुर्स्क पहुंचे हैं.
कुर्स्क के 2 न्यूक्लियर रिएक्टर एक्टिव
बता दें कि कुर्स्क में यह न्यूक्लियर प्लांट सोवियत संघ के जमाने से हैं. इनमें से 2 बंद हो चुके हैं जबकि नंबर 3 और नंबर 4 ऑपरेशनल हैं. 25 अगस्त को रिएक्टर नंबर 4 को 59 दिनों के लिए डिसकनेक्ट किया गया है, जिससे इसके कूलिंग सिस्टम को रिपेयर किया जा सके.
रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही न्यूक्लियर प्लांट्स पर हमले का खतरा बना हुआ है. IAEA ने लगातार दोनों पक्षों को इस खतरे से आगाह किया है. अगर किसी भी न्यूक्लियर प्लांट पर अटैक होता है तो इससे खतरनाक रिएक्शन सामने आ सकता है जिसे समय रहते नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा.
कुर्स्क में कब्जे का मकसद नहीं- यूक्रेन
वहीं यूक्रेन की ओर से कुर्स्क घुसपैठ को लेकर कहा गया है कि वह कब्जे के मकसद से यह ऑपरेशन नहीं चला रहा है. यूक्रेन का कहना है कि रूस को शांति वार्ता के लिए राज़ी करना चाहता है उसका उद्देश्य रूसी क्षेत्रों पर कब्जा करना नहीं है. हालांकि सोमवार को ही क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि यूक्रेन के साथ बातचीत का समय अब समाप्त हो चुका है.

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