पुरानी पेंशन, टैक्स में छूट, सरकारी नौकरियां…कौन-सी डिमांड बजट में हो सकती है पूरी?
मोदी 3.0 सरकार बनने के बाद अब पूर्ण बजट की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. जल्द ही सरकार देश का पूर्ण बजट पेश कर सकती है. सूत्रों की मानें तो जुलाई के दूसरे पखवाड़े में सरकार बजट पेश कर सकती है. इस बार के बजट से हर बार की तरह लोगों को कई उम्मीदें हैं. इसमें खासतौर पर नौकरीपेशा टैक्स दरों में और कटौती चाहता है, वहीं सरकारी नौकरियों और ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर भी लोगों को उम्मीदें हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कौन सी मांगें इस बजट में पूरी हो सकती हैं.
सरकार इन मुद्दों पर कर सकती है विचार
सरकार का लक्ष्य महंगाई को नियंत्रण में रखकर विकास कार्यों को जारी रखना है. सूत्रों के मुताबिक, पुरानी व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब में समायोजन या नई व्यवस्था के लिए टैक्स छूट सीमा में वृद्धि हो सकती है. इससे विभिन्न आय वर्ग वाले समूह के लोगों को फायदा हो सकता है. इसके अलावा, सरकार नए टैक्स ब्रैकेट के जरिए विशिष्ट समूहों, जैसे अधिक खर्च करने वाले लोगों को टैक्स राहत देने पर भी विचार कर सकती है.
लोगों ने की ये डिमांड
सरकार बजट की तैयारियों में जुटी है. इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठकों में भारतीय उद्योग जगत के लोगों ने आम आदमी पर आयकर का बोझ कम करने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की वकालत की. इसके अलावा, इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों ने सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) की मांग की है, जिससे व्यापार करने में और आसानी आएगी. सीआईआई ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए भी सिफारिशें की हैं.
इन पर हो सकता है सरकार का फोकस
जानकारी के मुताबिक, मोदी 3.0 सरकार आम बजट 2024-25 में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और हेल्थकेयर सर्विस में निवेश को प्राथमिकता देते हुए पूंजीगत व्यय पर रणनीतिक फोकस के साथ आगे बढ़ेगी. 8वें वेतन आयोग का गठन, सैलरीपेशा वर्ग के लिए टैक्स छूट में बढ़ोत्तरी और पुरानी पेंशन योजना की बहाली, ट्रेड यूनियन नेताओं की प्रमुख मांग रही, जो उन्होंने बजट पूर्व बैठक के दौरान वित्त मंत्री के सामने रखीं.
इसके अलावा, उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों और पीएसयू कंपनीज में सभी मौजूदा खाली पदों को तुरंत भरा जाए, साथ ही कॉन्ट्रैक्ट जॉब और आउटसोर्सिंग के कल्चर को बंद किया जाए.