पुरी: समुद्र तट पर शैक में नहीं बिकेगी शराब, शंकराचार्य के विरोध के बाद सरकार ने वापस लिया अपना फैसला
पुरी समुद्र तट पर शैक (झोपड़ियां) में शराब परोसने के अपने फैसले से ओडिशा सरकार बैकफुट पर आ गई है. विरोध के बाद सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया है. सरकार ने 3 अगस्त को नई आबकारी नीति घोषित की थी. इसमें पर्यटकों के मनोरंजन और राजस्व को बढ़ाने के लिए समुद्र, झीलों और बांधों के पास बने शैक को शराब परोसने की अनुमति दी थी.
इस मामले में विवाद ने उस वक्त तूल पकड़ लिया जब ओडिशा पर्यटन विकास निगम ने पुरी से कोणार्क तक समुद्र तट पर शराब परोसने वाले शैक के लिए टेंडर जारी किए. इसका पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि जगन्नाथ धाम को मनोरंजन के बजाय आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों का स्थान बना रहने दें.
समुद्र तट धार्मिक प्रवचनों के लिए होना चाहिए
शंकराचार्य ने कहा कि जगन्नाथ धाम आध्यात्मिक और आत्मदर्शन का स्थान है. ये जगह मनोरंजन करने के लिए नहीं है. पुरी समुद्र तट भजन, कीर्तन और धार्मिक प्रवचनों के लिए होना चाहिए. इसे मनोरंजन के लिए नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए. सरकार के फैसले के विरोध में लोगों ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा था.
शैक को शराब का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा
शंकराचार्य और अन्य संगठनों के विरोध के बाद सरकर बैकफुट पर आई और शुक्रवार को अपना फैसला वापस लिया. अब आबकारी विभाग ने कहा है कि पुरी नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में या किसी सामाजिक-धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व के स्थल के 5 किलोमीटर के दायरे में समुद्र तट पर बने शैक को शराब का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा.
इसी साल हुए चुनाव में बीजेपी ने राज्य में प्रचंड जीत दर्ज की थी. इसके बाद पार्टी ने मोहन चरण माझी को राज्य की कमान सौंपी. माझी राज्य के 15वें मुख्यमंत्री हैं. क्योंझर सीट से वो विधायक चुने गए. इसी सीट से वो साल 2000 से 2009 और 2019 से 2024 तक विधायक रहे हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में उन्हें 87 हजार 815 वोट मिले थे.