पुरुषों से महिलाओं में फैलता है ये कैंसर, हर साल हो रही लाखों मौतें
भारत में कैंसर की बीमारी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, साल 2023 में भारत में कैंसर के 14 लाख से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए थे. पूरी दुनिया में इस कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और हर साल लाखों महिलाओं की इससे मौत हो रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर से 350,000 मौतें हुईं थी. यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है. कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है. अधिकतर कैंसरों के लिए बाहरी कारण, जेनिटिक समस्या और हमारा अनहेल्दी लाइफस्टाइल जिम्मेदार होता है, लेकिन एक ऐसा कैंसर भी है जो पुरूषों की वजह से महिलाओं में होता है. पुरुषों से एक वायरस महिलाओं के शरीर में जाता है और कैंसर का कारण बनता है. ये कैंसर इतना ज्यादा गंभीर है कि आज ये महिलाओं में मौत की एक बड़ी वजह बन गया है. ये कौन सा कैंसर है और पुरुषों से महिलाओं में कैसे जाता है. इस बारे में जानते हैं.
इस कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं. सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वायरस की वजह से होता है, जिसे ह्यूमन पिपलोमा वायरस के नाम से जाना जाता है. ये वायरस पुरुषों में होता है और यौन संबंध बनाने के दौरान पुरूषों से महिलाओं में फैलता है. इसलिए इस कैंसर की चपेट में वहीं, महिलाएं आती हैं जो सेक्सुअली एक्टिव होती हैं. आज के समय में ये कैंसर महिलाओं में की मौत की सबसे बड़ी वजह बन गया है. जबकि ये कैंसर पूरी तरह से प्रिवेंटेबल है और अगर समय रहती इसकी वैक्सीन लगवा ली जाए तो इससे बचाव भी संभव है.
कैसे फैलता है सर्वाइकल कैंसर?
दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल में ऑन्कोलॉजी विभाग में एचओडी डॉ . विनीत तलवार बताते हैं की पुरुषों के शरीर से एचपीवी वायरस महिलाओं के के गर्भाशय में फैलता है और वहां पनपता रहता है. ये 5 से 10 सालों में सर्वाइकल कैंसर बन जाता है.अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाए तो जानलेवा भी साबित हो सकता है. शुरूआत में ये वायरस इंफेक्शन फैलाता है जिसके लंबे समय बाद ये कैंसर बन जाता है. आज हिंदुस्तान में हर साल लाखों महिलाएं इस कैंसर की वजह से अपनी जान गंवा रही हैं.
डॉ तलवार बताते हैं कि एचपीवी वायरस पुरुषों के शरीर में होता है, लेकिन उनमें ये कैंसर नहीं करता है. क्योंकि ये वायरस सर्विक्स में पनपता है और पुरुषों के शरीर में यह अंग नहीं होता है, लेकिन बिना प्रोटेक्शन के शारीरिक संबंध बनाने से वायरस महिलाओं के शरीर में जाता है और सर्विक्स में पनपने के बाद कैंसर बनता है. हालांकि हर महिला में एचपीवी वायरस कैंसर नहीं बनता है. जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है उनमें कैंसर का रिस्क होता है. अन्य मामलों में यह कैंसर खुद ही खत्म हो जाता है.
डॉ तलवार बताते हैं की सर्वाइकल कैंसर होने के अन्य कारण भी हैं. यूट्रस की बीमारी, पीसीओडी की समस्या और पर्सनल हाइजीन का ध्यान न रखने से भी महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो सकती हैं.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
– सेक्स के बाद योनि से खून आना
– योनि में अत्याधिक दर्द और सूजन महसूस होना
– योनि से होने वाे रक्तस्राव से दुर्गंध आना
– सेक्स करते समय दर्द महसूस होना
– पैल्विक एरिया में दर्द रहना
– मासिक धर्म के अलावा भी योनि से रक्तस्राव होना
सर्वाइकल कैंसर से बचाव
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण शुरूआती चरणों में नजर नहीं आते. यही वजह है ये कैंसर तीसरी या चौथी स्टेज में ही डिटेक्ट हो पाता है जिससे महिला की जान बचानी मुश्किल हो जाती है. ऐसे में इस कैंसर की स्क्रिनिंग से इस कैंसर का पता शुरूआती स्टेज में लगाया जा सकता है. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए महिला अगर सेक्सुअली एक्टिव है तो अपना पैप स्मियर टेस्ट करवा सकती है. 30 वर्ष के बाद और सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद आप हर 5 साल में पैप स्मियर टेस्ट करवा सकते हैं जिससे आपको इस कैंसर को समय रहते डिटेक्ट कर सकते हैं. डॉक्टर के मुताबिक ये टेस्ट महिला को 65 वर्ष की आयु तक करवाने चाहिए.
सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन
साथ ही इस कैंसर से बचाव के लिए मौजूदा समय में एचपीवी वैक्सीन भी मौजूद है जिसे 9 से 14 साल की उम्र में सेक्सुअली एक्टिव होने से पहले बच्ची को लगाया जा सकता है. हालांकि महिलाएं इसे बाद में भी लगवा सकती है. लेकिन सर्वाइकल हो जाने की स्थिति में इस वैक्सीन को लगवाना व्यर्थ है इसलिए कोशिश करें कि इसे पहले ही लगवा लिया जाए. आप इसे किसी भी सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल से लगवा सकते हैं.