पूजा खेडकर की ‘एज मिस्ट्री’… 2020 से 2023 तक 1 साल ही बढ़ी ट्रेनी IAS की उम्र
ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर आए दिन कोई न कोई नई बात निकलकर सामने आ रही है. अब उनका एक नया डॉक्यूमेंट सामने आया है. 34 साल की पूजा खेडकर ने साल 2020 में उन्होंने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल को एक एप्लीकेशन दिया था. इसमें उनकी उम्र 30 साल है.
पूजा खेडकर की तरफ से साल 2023 में इसी तरह के डॉक्यूमेंट में उनकी उम्र 31 साल है. इसके अलावा उन्होंने अपने नाम के आगे 2020 के डॉक्यूमेंट में डॉक्टर लिखा है. 2023 के डॉक्यूमेंट में डॉक्टर नहीं लिखा है. अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या साल 2020 से लेकर 2023 तक पूजा की उम्र 1 साल ही बढ़ी.
पूजा खेडकर से जुड़े विवाद के बीच लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के पूर्व चीफ संजीव चोपड़ा का बड़ा बयान आया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि जो लोग सिविल सेवाओं में शामिल होने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र लगाते हैं, उन्हें न केवल बर्खास्त किया जाना चाहिए बल्कि प्रशिक्षण खर्च और सैलरी की वसूली भी की जानी चाहिए.
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संजीव चोपड़ा ने पीटीआई से कहा है कि ये चीजें व्यवस्था में एक गंभीर रोग की तरह हैं. इससे योग्य उम्मीदवार प्रभावित होते हैं. फर्जी कागजात लगाने वालों बर्खास्त करने के साथ ही वेतन की वसूली भी की जानी चाहिए. ऐसे मामलों में मदद करने वालों की जांच की जानी चाहिए और सजा मिलनी चाहिए.
एलबीएसएनएए के निदेशक रहे हैं संजीव चोपड़ा
संजीव चोपड़ा पश्चिम बंगाल कैडर के 1985 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं. एक जनवरी 2019 से लेकर 31 मार्च 2021 तक वो एलबीएसएनएए के निदेशक रहे हैं. उन्होंने ने ओबीसी और दिव्यांगता कोटा प्रमाण पत्र जारी करते वक्त जांच के अलावा एआई के इस्तेमाल का भी सुझाव दिया है.
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अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के साथ ही पूजा खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी करने का भी आरोप है. इस संबंध में चोपड़ा ने कहा है कि केंद्र की एकल सदस्यीय समिति को मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए. इस मामले में ये भी पता लगाना चाहिए कि क्या व्यवस्था में कोई कमी है. या किसी की इसमें संलिप्तता है?
उन्होंने कहा कि यह बड़ा और गंभीर मुद्दा है. व्यवस्था की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए. बता दें कि पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं.