पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने रद्द की जमानत, 30 दिन में करना होगा सरेंडर
पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मलिंगा की जमानत रद्द कर दी है. इसके साथ ही 30 दिन में सरेंडर करने का आदेश दिया है. पूर्व विधायक पर धौलपुर में बिजली विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के साथ मारपीट करने का आरोप है.
याचिकाकर्ता हर्षाधिपति ने 31 मार्च 2022 को बाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसकी ओर से जस्टिस फरजंद अली की एकल पीठ में एडवोकेट एके जैन और मालती ने कोर्ट में पैरवी की. वकील ने बताया कि कोविड का हवाला देकर मई 2022 में गिर्राज मलिंगा ने हाईकोर्ट से जमानत ली थी. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने पूर्व विधायक की जमानत रद्द दी.
मलिंगा को 30 दिन के अंदर सरेंडर करना होगा
कोर्ट के फैसले के बाद याचिकाकर्ता के वकील एके जैन ने कहा कि आज दो साल बाद कोर्ट ने मलिंगा की जमानत रद्द की है. उनको 30 दिन के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने माना है कि मलिंगा ने झूठ बोलकर जमानत ली थी. इतना ही नहीं बेल मिलने के बाद उन्होंने इसका दुरुपयोग भी किया. जमानत मिलने के बाद मलिंगा ने जूलुस निकालकर न्यायालय के आदेश का मजाक बनाया था.
तत्कालीन और वर्तमान सरकार ने भी मलिंगा मदद की
वकील एके जैन ने कहा कि घटना के वक्त की सरकार और वर्तमान सरकार ने भी मलिंगा मदद की है. दो साल बाद अनुसूचित जाति के एक सहायक अभियंता को न्याय मिला है. वो दो साल से अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे हैं. कोर्ट ने अपने फैसले से ऐसे नेताओं को संदेश भी दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है.
गिर्राज सिंह मलिंगा धौलपुर जिले की बाड़ी सीट से विधायक रहे हैं. बीते विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस उम्मीदवारों की आखिरी लिस्ट आने से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने पाला बदल लिया था. कांग्रेस छोड़ वो बीजेपी में शामिल हो गए थे.