पेपर लीक पर घड़ियाली आंसू बहा रहे राहुल गांधी और उनके लोग- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है. इस बार उन्होंने पेपर लीक मामले पर हमला किया. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आज सोमवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और उनका गुट घड़ियाली आंसू बहा रहा है, जबकि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की पिछली सरकार के दौरान के पेपर लीक से जुड़ी जमीनी हकीकत दोनों नेताओं की मुश्किलें बढ़ा देगी.
लोकसभा में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) से जुड़े विवाद पर सोमवार को विपक्ष की ओर से लगातार निशाना साधे जाने के बाद पर रहने के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह बयान दिया. राहुल गांधी ने संसद में पेपर लीक से जुड़े मुद्दे पर केंद्र सरकार पर विपक्ष के हमले की अगुवाई करते हुए कहा कि देश की परीक्षा प्रणाली में बड़ी गंभीर समस्या है और धर्मेंद्र प्रधान ने इसके लिए खुद को छोड़कर बाकी अन्य सभी को दोषी ठहरा दिया है.
हकीकत मुश्किलें पैदा करेंगीः प्रधान
इस मसले पर पलटवार करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने सवाल किया कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार जब सत्ता में थी, तो वह अनुचित आचरण निषेध विधेयक, 2010 (Prohibition of Unfair Practices Bill, 2010) समेत शैक्षणिक संस्थानों में अनुचित चीजों को रोकने वाले विधेयकों को लागू करने में नाकाम क्यों रही थी.
धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक पोस्ट में लिखा, “लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और उनका गुट लगातार घड़ियाली आंसू बहा रहा है. पहले की यूपीए सरकार और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान पेपर लीक की जमीनी हकीकत राहुल और अखिलेश, दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं.”

The LoP and his cabal are all but shedding crocodile tears. The ground reality on paper leaks during UPA regime and when Shri Akhilesh was at the helm of UP, will open a can of worms for both Shri @RahulGandhi and Shri @yadavakhilesh.
May be Rahul Gandhi understands the
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) July 22, 2024

2010 वाला बिल क्यों नहीं लागू करा पाएः प्रधान
उन्होंने यह भी कहा कि संभवतः राहुल गांधी अनुचित व्यवहार की बुनियादी बातों और गणित की अच्छी तरह से समझ रखते हैं. कांग्रेस को बताना होगा कि यूपीए सरकार अनुचित आचरण निषेध विधेयक-2010 सहित शैक्षणिक संस्थानों में अनुचित चीजों को रोकने से जुड़े विधेयकों को लागू करने में क्यों नाकाम हो गई.
प्रधान ने आगे कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष यह बता सकते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने किस मजबूरी, दबाव और किन कारणों से अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए इस कानून लाने से इनकार कर दिया था? उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सात सालों के दौरान में पेपर लीक का अब तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है.
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी से जुड़ी कथित अनियमितता का मुद्दा संसद के भीतर उठाते रहेंगे और सरकार पर लगातार दबाव बनाएंगे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस मसले पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है. राहुल ने संसद भवन परिसर पर पत्रकारों से कहा, “शिक्षा मंत्री को नीट के मुद्दे पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और पीएम की बात की, लेकिन वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि वो नीट के मुद्दे पर क्या कर रहे हैं?”

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