पेरिस ओलंपिक में बॉक्सिंग कोच को पड़ा दिल का दौरा, इंग्लैंड की टीम के मेडिकल स्टाफ ने बचाई जान
पेरिस ओलंपिक 2024 के थमने से पहले ही इसमें भारत का अभियान थम चुका है. लेकिन, यहां बात भारत के प्रदर्शन की नहीं बल्कि उज्बेकिस्तान के उस बॉक्सिंग कोच की होगी, जिसकी हालत अस्पताल में अब स्थिर है. हालांकि, हालात अलग हो सकते थे अगर ग्रेट ब्रिटेन के मेडिकल स्टाफ ने उनकी मदद ना की होती. पेरिस ओलंपिक से आई इस खबर ने हैरान कर दिया है.
उज्बेकिस्तान के कोच को पड़ा दिल का दौरा
अब सवाल है कि ऐसा हुआ कब? तो ये घटना 8 अगस्त की है जब उज्बेकिस्तान के बॉक्सर ने गोल्ड मेडल जीता था. मुख्य बॉक्सिंग कोच तुल्किन किलिचेव उस गोल्ड मेडल जीत का जश्न मना रहे थे कि तभी उन्हें अचानक से दिल का दौरा पड़ गया. देखते ही देखते वहां आनन-फानन मच गया. ऐसे में ग्रेट ब्रिटेन की मेडिकल टीम के दो सदस्यों ने उनकी जान बचाने में मदद की.
ग्रेट ब्रिटेन की मेडिकल टीम के सदस्यों ने की मदद
उज्बेकिस्तान की ओलंपिक मुक्केबाजी टीम के मुख्य कोच तुल्किन किलिचेव पेरिस में अपने बॉक्सर हसनबॉय दुसमातोव के गोल्ड मेडल जीतने का जश्न मना रहे थे, उसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. ऐसे में मौके पर मौजूद ग्रेट ब्रिटेन के फिजियोथेरेपिस्ट रॉबी लिलीस और उनके सहयोगी डॉ. हरज सिंह ने उनकी मदद की. डॉ. हरज सिंह ने सीपीआर देकर मामले को कंट्रोल किया, जिसके बाद उज्बेकिस्तान के बॉक्सिंग कोच को अस्पताल में एडमिट कराया गया.
अस्पताल में फिलहाल किलोचेव की हालत स्थिर है. इंग्लैंड के फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया कि डॉक्टर हरज सिंह के CPR देने के लगभग 20 से 30 सेकंड बाद किलिचेव होश में आने लगे थे.
हसनबॉय दुस्मातोव ने जीता गोल्ड मेडल
हसनबॉय दुस्मातोव ने पुरुषों की 51 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडललजीता और इस जीत के बाद ही उनके कोच को जश्न मनाते हुए ये कार्डिएक अरेस्ट आया था. बहरहाल, अब उनकी हालत खतरे से बाहर है. ये घटना बताती है कि खेलों में कोई दुश्मन या विरोधी नहीं होता. खिलाड़ी और उनका सपोर्ट स्टाफ जीतने के लिए रिंग या मैदान में उतरते हैं, लेकिन उसके बाहर एक दूसरे के लिए प्यार सदभाव की भावना रखते हैं.