पेरेंट्स के इन कामों से बच्चे हो जाते हैं उनसे दूर, न करें ये गलतियां

इंसान का सबसे पहला और गहरा रिश्ता माता-पिता के साथ होता है. बच्चों के पहले टीचर भी पेरेंट्स ही होते हैं और वह अपने बच्चों को हर गलत चीज से बचाना चाहते हैं, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो. माता-पिता अपने बच्चों के लिए वो सभी चीजें करते हैं, जिससे वह सही रास्ते पर चले, लेकिन कई बार इसी के चलते पेरेंट्स और बच्चे के बीच दूरियां बढ़ने लगती हैं. आज के वक्त में जिस तरह से लाइफस्टाइल में बदलाव आया है, उसके हिसाब से बड़े होते बच्चों को संभालने का तरीका भी बदला है.
जिस तरह से हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं, ठीक उसी तरह से जब बच्चे बड़े होते हैं खासतौर पर टीनएज में पहुंचते हैं तो पेरेंट्स से उनके विचार काफी अलग होते हैं और इसलिए बैलेंस बनाने की बेहद जरूरत होती है. इस दौरान पेरेंट्स की कुछ गलतियां उन्हें बच्चों से दूर कर सकती हैं. तो चलिए जान लेते हैं.
कंट्रोल करने की कोशिश करना
हर माता-पिता अपने बच्चों को सही रास्ता दिखाना चाहते हैं, लेकिन इसी की चलते कई बार पेरेंट्स को पता ही नहीं चलता है कि वह अपने बच्चों को कंट्रोल करने लगे हैं. आपको अपने बच्चों के दोस्तों, संगति के बारे में पता होना जरूरी है, लेकिन हर बात पर रोक-टोक या नजर रखना बच्चों को आपसे दूर कर सकता है. इसलिए अपने बच्चों को यह समझाएं कि आपको उनपर पूरा भरोसा है कि वो कुछ भी गलत नहीं करेंगे. दोस्त की तरह रहेंगे तो वो आपसो दोस्तों के बारे में भी शेयर करेंगे.
बहुत ज्यादा उम्मीद रखना
बच्चे का फ्यूचर ब्राइट हो ये तो हर पेरेंट्स चाहते हैं, लेकिन उनपर अपने सपने थोपना या फिर बहुत ज्यादा उम्मीद करना गलत होता है. इससे बच्चे के ऊपर मेंटली प्रेशर बढ़ता है, जिससे वह चिड़चिड़ा हो सकता है और आपसे अपने मन की बात करने में हिचकिचाने लगता है. बच्चे को उनके सपने जीने के लिए प्रेरित करें और कहें कि फेल हो जाने पर भी आप उनके साथ हैं.
बच्चे की गलती पर तुरंत गुस्सा हो जाना
टीनएज में बच्चों में शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बदलाव हो रहे होते हैं और वह हर चीज को जानना चाहते हैं, ऐसे में उन्हें इमोशनल सपोर्ट की काफी जरूरत होती है, इसलिए अगर बच्चे से गलती हो जाए तो उसपर तुरंत रिएक्ट करने या गुस्सा करने की गलती न करें, बल्कि शांति से बैठकर उसकी पूरी बात सुनें.
तुलना करने की गलती बिल्कुल न करें
अरे शर्मा जी के बच्चे देखो पढ़ाई में कितने तेज हैं, या तुम्हारे भाई-बहन कितने अच्छे हैं और तुम कुछ काम के नहीं हो. इस तरह के शब्द नेगेटिव असर कर सकते हैं और बच्चा आपसे दूरी महसूस करने लगता है. इन छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए पेरेंटिंग की जाए तो टीनएज बच्चों को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकता है.

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