पैसा रखें तैयार, शेयर मार्केट में मिलेगा कमाने का मौका, आ रहा है 9950 करोड़ का ये IPO

भारत के शेयर बाजार में एक बार फिर बड़ा आईपीओ दस्तक देने जा रहा है. ये करीब 9,950 करोड़ रुपए का हो सकता है. प्रमुख प्राइवेट इक्विटी कंपनी कार्लाइल ग्रुप के सपोर्ट वाली ये टेक्नोलॉजी कंपनी जल्द ही मार्केट में आईपीओ लॉन्च कर सकती है. इसने आईपीओ के लिए अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग पेपर्स भी जमा करा दिए हैं.
कार्लाइल ग्रुप के सपोर्ट वाली हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज आईपीओ से 9,950 करोड़ रुपए जुटाने जा रही है. देश में किसी भी कंपनी को आईपीओ लाने से पहले मार्केट रेग्युलेटर सेबी की परमिशन चाहिए होती है. इसके लिए कंपनी ड्राफ्ट रेड हेरिंग पेपर्स (DRHP) जमा कराती है, जिसमें आईपीओ से पैसा जुटाने और उसके संभावित खर्च की जानकारी भी दी गई होती है.
आईपीओ में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे ये
कंपनी ने सेबी के पास जो आरंभिक दस्तावेज (डीआरएचपी) जमा किए हैं, उसके हिसाब से ये आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा. इस आईपीओ में कार्लाइल ग्रुप के तहत आने वाले प्रमोटर्स सीए मैग्नम होल्डिंग्स अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे. हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज आईटी कंपनी में सीए मैग्नम होल्डिंग्स की 95.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
शेयर होल्डर को मिलेगा पैसा
ये आईपीओ एक पूर्ण ओएफएस है. इसलिए इसका पूरा पैसा कंपनी के शेयर होल्डर यानी सीए मैग्नम होल्डिंग्स के पास जाएगा. कंपनी को इसमें से कुछ भी नहीं मिलेगा. हालांकि आप इसमें अब भी इंवेस्ट करने के लिए स्वतंत्र होंगे. इस आईपीओ के माध्यम से कंपनी की योजना अपने शेयर्स को मार्केट में लिस्ट कराने की है. वहीं शेयर बेचने वाले इंवेस्टर्स का मकसद इससे लाभ कमाना है.
क्या होता है IPO?
जब कोई कंपनी अपने आपको शेयर बाजार में लिस्ट कराने की योजना बनाती है, तो पहली बार जब अपने शेयर्स को पब्लिक के बीच ऑफर करती है, उसे मार्केट की भाषा में आईपीओ कहा जाता है.किसी भी कंपनी का आईपीओ एक ही बार आता है, जबकि आईपीओ ‘Initial Public Offer’ के बाद कंपनी जब भी अपने शेयर्स को बाजार में दोबारा जारी करती है, तब वहां एफपीओ ‘Follow-Up Public Offer’ जारी किया जाता है.

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