पोप फ्रांसिस दो सितंबर से चार देशों का करेंगे दौरा, इंडोनेशिया में ईसाई-मुस्लिम संबंधों पर देंगे जोर
फ्रांसिस कैथोलिक समुदाय के 266वें पोप दो से 13 सितंबर के बीच चार देशों की यात्रा के दौरे पर रहेंगे. पोप फ्रांसिस इस दौरान इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, ईस्ट तिमोर और सिंगापुर की यात्रा करेंगे. चार देशों की उनकी यह यात्रा मूल रूप से 2020 के लिए निर्धारित थी. हालांकि, कोविड-19 के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.
मुस्लिम आबादी वाले, दुनिया के सबसे बड़े देश इंडोनेशिया में फ्रांसिस के ईसाई-मुस्लिम संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर देने की संभावना है. पापुआ न्यू गिनी में, फ्रांसिस पर्यावरणीय खतरों के साथ ही वहां के अनुमानित एक करोड़ लोगों की विविधता की ओर भी इशारा करेंगे, जो लगभग 800 भाषाएं बोलते हैं, लेकिन जनजातीय संघर्षों से प्रभावित हैं.
1989 के बाद किसी पोप का पहला ईस्ट तिमोर दौरा
पोप फ्रांसिस की सिंगापुर यात्रा उन्हें चीन तक पहुंचने का एक और अवसर प्रदान करेगी. क्योंकि वेटिकन चीन के अनुमानित 1.2 करोड़ कैथोलिकों के हित में बेहतर संबंध चाहता है. बता दें कि सिंगापुर में तीन-चौथाई आबादी चीनी मूल की है. वहीं, वह ईस्ट तिमोर भी जाएंगे. इससे पहले तत्कालीन पोप जॉन पॉल ने 1989 में ईस्ट तिमोर का दौरा किया था.
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ईस्ट तिमोर 2002 में एक स्वतंत्र देश के रूप में सामने आया. लेकिन अभी भी उस कब्जे के आघात और जख्मों को झेल रहा है, जिसके कारण 2,00,000 से अधिक लोग मारे गए थे. 1989 में तत्कालीन पोप जॉन पॉल ने ईस्ट तिमोर का दौरा किया, तो उन्होंने वहां की कैथोलिक बहुल आबादी को सांत्वना देने का प्रयास किया. जो पहले से ही 15 वर्षों से इंडोनेशिया के कब्जे के कारण कष्ट झेल रही थी.