पोप फ्रांसिस ने मांगी माफी, समलैंगिकों को लेकर कही थी आपत्तिजनक बात

पोप फ्रांसिस पर समलैंगिक पुरुषों को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप के बाद अब उन्होंने माफी मांगी है. पोप पर समलैंगिक पुरुषों को लेकर बेहद अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. वेटिकन के जरिए एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि पोप का इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था और वो उन लोगों से माफी मांगते हैं जो एक शब्द के इस्तेमाल से आहत हुए हैं.
इटली के बिशप्स के साथ पिछले सप्ताह हुई एक बैठक के दौरान पोप फ्रांसिस ने समलैंगिकों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. दरअसल पिछले सप्ताह हुई एक बैठक में करीब 250 से ज्यादा बिशप शामिल हुए थे. इस दौरान 87 साल के पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक पुरुषों के पादरी बनने के लिए ट्रेनिंग कॉलेज जॉइन करने को लेकर विरोध जताया था. यहां उन्होंने समलैंगिक लोगों के लिए इटालियन भाषा के एक बेहद आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था.
समलैंगिक पुरुषों के लिए ‘फेगोट’ शब्द का इस्तेमाल
एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक पुरुषों के लिए ‘फेगोट’ शब्द का इस्तेमाल किया था. पोप फ्रांसिस ने इतालवी बिशप्स (पादरियों) को जोर देकर कहा कि वो समलैंगिक पुरुषों को पुरोहिती के लिए ट्रेनिंग न दें. पोप ने कहा कि सेमिनरीज (पादरी बनने के लिए ट्रेनिंग कॉलेज) में पहले ही बहुत फ्रोसियागिन (Frociaggine) हैं. ये एक रोमन शब्द है, हिंदी में इसका मतलब समलैंगिकता होता है.
‘पोप का इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था’
वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी ने एक बयान जारी कर फ्रांसिस की टिप्पणियों के बारे में मीडिया में उठे तूफान को स्वीकार किया. ब्रूनी ने कहा कि जैसा कि उन्होंने (पोप) कई अवसरों पर कहा है कि चर्च में हर किसी के लिए जगह है. चाहे हम जैसे हों. कोई बेकार नहीं है और कोई भी जरूरत से ज्यादा नहीं है. ब्रूनी ने कहा कि पोप का इरादा कभी भी खुद को समलैंगिकता विरोधी शब्दों में अपमानित करने या व्यक्त करने का नहीं था. ऐसे में वह उन लोगों से माफी मांगते हैं जो दूसरों द्वारा रिपोर्ट किए गए शब्द के इस्तेमाल से आहत हुए थे.

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