प्लांट बेस्ड प्रोटीन: क्या नफे और क्या नुकसान? ये सब जानकारी आपके लिए
Plant Based Protein: चाहे वह जिम में एक्सरसाइज करने वाले लोग हो या फिर अपने फिटनेस को लेकर सतर्क रहने वाले लोग… सभी लोग प्रोटीन सप्लीमेंट का ज्यादा सेवन करते हैं. लेकिन आजकल प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन तेजी से बढ़ा है. हेल्थ के लिहाज से प्लांट बेस्ड प्रोटीन हेल्थ के लिए काफी फायदेमंंद माना जाता है.
एक तरफ इससे मांसपेशियों के विकास एवं रखरखाव में मदद मिलती है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों को यह नुकसान भी पहुंचा सकती है. इंटरनेशनल फूड काउंसिल इंफोर्मेशन की साल 2022 के फूड एंड हेल्थ सर्वे के मुताबिक, 12 प्रतिशत अमेरिकी लोग अब प्लांट बेस्ड यानी पेड़-पौधों से मिलने वाली डाइट को फॉलो कर रहे हैं.
अक्सर प्लांट बेस्ड प्रोटीन को जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन से कंपेयर करके देखा जाता है? एक्सपर्ट की मानें तो इन दोनों में स्वाद और कीमत से लेकर तमाम चीजों में जमीन आसमान का फर्क है. लेकिन सबसे पहले आपको बताते हैं कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन क्या है?
प्लांट बेस्ड डाइट
हेल्थलाइन की रिपोर्ट् के मुताबिक, प्लांट बेस्ड फूड से हमें प्रोटीन मिलता है. इनमें फल, सब्जियां, फलियां, नट्स, सीड्स, होल ग्रेन आदि शामिल होते हैं. यहां तक कि इसमें डेयरी उत्पादों को भी शामिल नहीं किया जाता है. प्लांट बेस्ड डाइट फ्लेक्सिबल होती है.
प्रोटीन क्यों हैं जरूरी
रिसर्च से पता चला है कि प्रोटीन का सेवन बढ़ाने से मजबूत मांसपेशियां, और इम्यून सिस्टम के लिए बेहद जरूरी है.ये वजन घटाने, दुबले शरीर, शरीरिक गति में वृद्धि और हड्डियों की डेंसिटी में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.
प्लांट बेस्ड प्रोटीन
सर्विंग की मात्रा
कैलोरी
प्रोटीन
फैट
कार्बोहाइड्रेट
फाइबर
सफेद छोले
आधा कप
105
6 ग्राम
2.3 ग्राम
16.2 ग्राम
5.3 ग्राम
पीनट बटर (बिना नमक)
2 टेबलस्पून
191
7.1 ग्राम
16.4 ग्राम
7.1 ग्राम
1.4 ग्राम
क्विनोआ (पकाया हुआ)
1 कप
222
8.1 ग्राम
3.5 ग्राम
39.4 ग्राम
5.1 ग्राम
ओट्स
आधा कप
153
5.3 ग्राम
2.5 ग्राम
25 ग्राम
4 ग्राम
दालें
आधा कप
115
9 ग्राम
0.4 ग्राम
20 ग्राम
8 ग्राम
क्या ये एनिमल प्रोटीन जितना ही फायदेमंद है?
वेजिटेरियन लोगों को अक्सर कंप्लीट प्रोटीन डाइट की चिंता रहती है. कई वीगन प्रोटीन में सभी जरूरी अमीनो एसिड नहीं होते हैं. जिससे कुछ लोगों का मानना है कि सही संतुलन बनाने के लिए उन्हें अपने मेनू को मिक्स एंड मैच करना पड़ता है. जैसे कुछ लोग चावल के साथ बीन्स खाना पसंद करते हैं. इससे उन्हें कंपलीट प्रोटीन मिल जाता है.
हालांकि, कई एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कई जरूरी अमीनो एसिड के लिए अपने फूड का कॉम्बिनेशन बिगाड़ने की जरूरत नहीं है. इसके लिए आप सिर्फ एक बैलेंस डाइट को फॉलो करना जरूरी है. साल 2019 में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि वीगन और शाकाहारी डाइट को फॉलो करने वाले लोगों को उनके आहार में पर्याप्त मात्रा मेंप्रोटीन और अमीनो एसिड मिले.
प्लांट बेस्ड प्रोटीन के हैं फायदे
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल में सीनियर डाइटिशियन पायल शर्मा का कहना है कि पौधों से मिलने वाले प्रोटीन शरीर को फायदा पहुंचाते हैं. कई रिसर्च से पता चला है कि प्लांट बेस्ड प्रोटीन शुगर, मोटापा और सूजन कम करने में मददगार है. एक बात और ध्यान में रखना बहुत जरूरी है कि ज्यादा प्रोटीन लेकर किडनी को ओवरलोड न करें. इससे आपकी किडनी को नुकसान पहुंच सकता है.
विटामिन बी12 नहीं मिलेगा
बेशक पौधों से मिलने वाले प्रोटीन में कई सारे न्यूट्रिएंट्स शामिल हैं. लेकिन एक ऐसा पोषक तत्व है, जो जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन से प्राप्त होता है. इसका नाम विटामिन बी12 है. अगर आप वीगनस डाइट फॉलो कर रहे हैं, तो अपने खान-पान में अलग से इस विटामिन को शामिल करें.
प्लांट बेस्ड प्रोटीन से होने वाले नुकसान
प्लांट बेस्ड प्रोटीन से शरीर को फायदे तो होते हैं लेकिन इससे कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं. प्लांट बेस्ड प्रोटीन में ल्यूसीन कंटेन्ट कम होता है. ल्यूसीन एक तरह का अमीनो एसिड है, जिससे मांसपेशियों में बढ़ती होती हैं. इसके अलावा जिन लोगों को पाचन संबंधित समस्या है उन्हें प्लांट बेस्ड प्रोटीन से और समस्या पैदाहो सकती है.
प्लांट बेस्ड फूड्स में पशु-आधारित स्रोतों की तुलना में प्रोटीन की मात्रा कम हो सकती है. कुछ पौधों में एंटी-पोषक तत्व के रूप में जाने जाने वाले यौगिक होते हैं, जैसे फाइटेट्स और लेक्टिन. ये कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं. यह चीजें अक्सर खाना पकाने या फिर प्रोसेस के माध्यम से कम तो हो जाते हैं लेकिन कुछ हद तक नुकसान हो सकता है.
डॉक्टर की सलाह जरूरी
आपको अपनी आहार और आदतों में बदलाव करने के साथ प्लांट बेस्ड प्रोटीन के सेवन से पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लेना चाहिए. कभी-कभी कुछ समय बाद इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं. अगर आप इन्हें डॉक्टर के परामर्श के अनुसार डाइट में शामिल करेंगे तो इससे नुकसान नहीं होगा.