फर्स्ट एड देते समय किन गलतियों से बचना चाहिए? एक्सपर्ट्स ने बताया
किसी दुर्घटना के बाद सही समय पर दिया गया फर्स्ट एड व्यक्ति की जान बचा सकता है. लेकिन यह जानना काफी जरूरी है कि इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और किन गलतियों से बचने की जरूरत है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किसी दुर्घटना के बाद सीमित साधनों के यूज से व्यक्ति को पहले ट्रीटमेंट दिया जाता है. इसको फर्स्ट एड कहते हैं. इसके बाद व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना बहुत जरूरी है. केवल फर्स्ट एड से ही व्यक्ति को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है.
दुर्घटना या इमरजेंसी की स्थिति में पहले यह देखें कि व्यक्ति को किस तरह की मदद की जरूरत है. अगर व्यक्ति को होश नहीं आ रहा है, तो तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं और उस दौरान सीपीआर दें. अगर व्यक्ति घायल है और उसको ब्लीडिंग हो रही है तो साफ कपड़े या पट्टी से घाव को कसकर बांध दें. किसी के जल जाने पर उस जले हुए हिस्से को ठंडे पानी में 10-15 मिनट तक रखें. जलने वाली जगह पर कभी भी बर्फ या टूथपेस्ट लगाने की गलती न करें.
अगर किसी की हड्डी टूट जाती है तो उसको कभी भी हिलाने की कोशिश न करें. न ही उस हिस्से को किसी गर्म चीज से सेंकने कि कोशिश करें. इससे कोई खास फायदा नहीं होगी. बल्कि इससे सूजन बढ़ने का रिस्क रहता है. इसकी जगह कोशिश करें की व्यक्ति को किसी तरह एंबुलेंस में लेकर अस्पताल चलें जाएं.
फर्स्ट एड की जानकारी क्यों है जरूरी?
यशोदा सुपरस्पेशलिटी हस्पिटल, कौशांबी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एपी सिंह बताते हैं की फर्स्ट एड की जानकारी लोगों को होना बहुत जरूरी है. इससे किसी मरीज की जान बचाई जा सकती है. सीपीआर के साथ-साथ ब्लीडिंग रोकने जैसे बेसिक चीजें हर व्यक्ति को आनी चाहिए. कई बार फर्स्ट एड के बाद भी मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है. ऐसे में केवल इसपर निर्भर न रहें. फर्स्ट एड देने के बाद तुरंत अस्पताल जरूर जाएं.
आर्टिमिस अस्पताल में आपातकालीन एवं ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ ( कर्नल) सुवाशीष चक्रवर्ती बताते हैं किफर्स्ट एड के जरिए जीवन बचाना अधिक चोट लगने से बचाना और प्रमोट रिकवरी (इलाज का प्रयास करना) महत्वपूर्ण हैं. इसी को ध्यान में रखकर किसी व्यक्ति को आपको फर्स्ट एड देना चाहिए.