फिर कड़ी निगरानी के दायरे में स्पाइसजेट, ये दो एयरलाइंस भी DGCA के रडार पर

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को संकटग्रस्त स्पाइसजेट को अधिक निगरानी के दायरे में रखने का फैसला किया. इसके तहत एयरलाइन के परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौके पर जांच और रात्रि निगरानी बढ़ाई जाएगी,
स्पाइसजेट की ओर से उड़ानें रद्द किए जाने और वित्तीय दिक्कतों का सामना किए जाने की रिपोर्टों मिली थी. इसके आधार पर, डीजीसीए ने कहा कि उसने सात और आठ अगस्त को एयरलाइन की इंजीनियरिंग सुविधाओं का विशेष ऑडिट किया. वहीं, इस ऑडिट के दौरान कुछ कमियां पाई गईं.
स्पाइसजेट को फिर निगरानी के दायरे में रखा गया
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘पिछले रिकॉर्ड और अगस्त 2024 में किए गए विशेष ऑडिट के मद्देनजर, स्पाइसजेट को एक बार फिर तत्काल प्रभाव से निगरानी के दायरे में रखा गया है.’ डीजीसीए ने कहा, ‘इससे परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मौके पर जांच एवं रात्रि निगरानी की संख्या में वृद्धि की जायेगी.’
एयर इंडिया एक्सप्रेस पर जुर्माना, अकासा एयर को नोटिस
आपको बता दें कि स्पाइसजेट को भी नियामक ने 2023 में कड़ी निगरानी में रखा था. साथ ही विज्ञप्ति में कहा गया है कि डीजीसीए ने रद्द उड़ानों के लिए यात्रियों को मुआवजा नहीं देने के लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस पर जुर्माना भी लगाया है. डीजीसीए ने इसके लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
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इसके अलावा डीजीसीए ने अकासा एयर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. डीजीसीए ने कहा कि हाल ही में समीक्षा के दौरान अकासा एयर में कई नियामक उल्लंघन पाए गए हैं. इसके लिए अकासा एयर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
पिछले साल 27 जुलाई को भी नियामक ने स्पाइसजेट को कड़ी निगरानी में रखा था. सुरक्षा संबंधी घटनाओं को लेकर डीजीसीए ने एयरलाइन को 8 सप्ताह के लिए अपनी उड़ानों की कुल संख्या में 50 प्रतिशत की कटौती करने को कहा था. इस अवधि के दौरान, एयरलाइन बढ़ी हुई निगरानी के अधीन थी. स्पाइसजेट पर डीजीसीए द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पिछले साल 30 अक्टूबर को हटा लिए गए थे.

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