फिलिस्तीनियों के गुनहगारों को अमेरिका ने दी सजा, जारी कर दिया ये फरमान

गाजा युद्ध की शुरुआत से ही वेस्ट बैंक में भी फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है. इजराइल पुलिस और सेना तो आए दिन यहां फिलिस्तीनियों के घरों में रेड डाल ही रही है, साथ ही सड़कों पर इजराइली भीड़ फिलिस्तीनियों को अपनी नफरत का शिकार बना रही है. हाल के दिनों में वेस्ट बैंक में बढ़े लिंचिंग और मारपीट के मामलों ने अमेरिका की भी चिंता बढ़ा दी है. व्हाइट हाउस प्रशासन ने इन मामलों में शामिल इजराइलियों पर नई वीजा पाबंदियां लगाई हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया से कहा, ‘यह फैसला फिलिस्तीनियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को देखते हुए लिया गया है, जिसे हमने पिछले महीनों में दुखद रूप से देखा है और इस बात की जरूरत है कि इजराइल इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह तय करे और हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाए.’
अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी
मैथ्यू मिलर ने बताया कि ये कदम फिलिस्तीनियों पर हमला करने वाले कुछ इजरालियों और उनके प्रियजनों को अमेरिका में प्रवेश से रोकेगा. मिलर ने कहा कि इजराइल सरकार ने वेस्ट बैंक के नागरिकों के खिलाफ हिंसा पर नकेल कसने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि कुछ अपराधियों को गिरफ्तार करना, लेकिन ये कदम नाकाफी हैं.
पाबंदियों से प्रभावित होने वालों में पूर्व इजराइली सैनिक एलोर अज़ारिया भी शामिल हैं, जिन्हें 2016 में एक घायल फिलिस्तीनी की गोली मारकर हत्या करने के लिए दोषी ठहराया गया था और नौ महीने जेल की सजा सुनाई गई थी.
7 अक्टूबर के बाद वेस्ट बैंक में हिंसा
7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले के बाद इजराइल सेना ने गाजा पर हमले शुरू किए हैं. वहीं इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजराइलियों ने फिलिस्तीनियों पर हमले किए हैं. इससे पहले भी फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ हिंसा के आरोपी 20 से ज्यादा लोगों और संगठनों पर अमेरिका वित्तीय प्रतिबंध लगा चुका है. प्रतिबंधों में इजराइल सरकार की बिना अनुमति के फिलिस्तीनियों की जमीन पर बनाए गए घर भी शामिल हैं.

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