फेक न्यूज से निपटने के लिए ट्रेनिंग… ब्रिटेन में हिंसा और तबाही के बीच बड़ा फैसला
ब्रिटेन के साउथपोर्ट में चल रहे दंगों के बीच ब्रिट्रिश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. सरकार स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम को बदलने की तैयारी में है. नए पाठ्यक्रमों के तहत स्कूली बच्चों को फेक न्यूज और भ्रामक पोस्ट को पहचानने की ट्रेनिन दी जाएगी, जिससे बच्चे सोशल मीडिया पर चलाई जा रही गलत सूचनाओं की पहचान कर सकें.
दरअसल, जुलाई के आखिरी महीने में ब्रिटेन में एक डांस क्लास के दौरान चाकू से हमला किया गया था. इस हमले में 3 लड़कियों की मौत हो गई थी और कई घायल भी हो गईं थीं. घटना के बाद ब्रिटेन के ब्रिस्टल और लिवरपूल शहरों में प्रदर्शनकारी विरोध में सड़कों पर उतर आए थे. विरोध, हिंसक प्रदर्शन में बदल गया, जिससे देश के कई शहरों में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं की पुलिस और नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों से हिंसक झड़पें हुईं. कई ब्रिटिश पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए थे. सोशल मीडिया पर फैलाई गई गलत खबरों की वजह से प्रदर्शन उग्र हुए थे. इन्हीं को ध्यान में रखते हुए ब्रिट्रिश सरकार ने स्कूली बच्चों को फेक न्यूज से निपटने के लिए ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है.
ब्रिटेन की शिक्षा सचिव ने फिलिप्सन ने रविवार को द डेली टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में बताया कि वह प्रायमरी और सेकेंडरी दोनों स्कूलों के बच्चों के लिए पाठ्यक्रम में सुधार कर रही हैं, जिससे बच्चों को ”षडयंत्रकारी थ्योरी” के प्रति जागरूक किया जा सके और बच्चों को सिखाया जाय कि इन मंनगढ़ंत स्टोरियों और पोस्टों का सामना कैसे करना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें युवाओं को भी ट्रेनिंग देने की जरूरत है, जिससे वे भी ऑनलाइन फैलाई मिसइंफॉरमेशन की पहचान कर सकें.
राष्ट्रीय पुलिस परिषद के प्रमुख ने भी की थी इसकी वकालत
हाल में हुई हिंसक घटनाओं में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फेक खबरों के बारे में पुलिस प्रमुख ने एक लेख में इसके बारे मे सचेत किया था. राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख के अध्यक्ष गेविन स्टीफंस ने कहा कि, “हमने हाल के वर्षों में इस बारे में बात की है कि अपने बच्चों को ऑनलाइन कैसे सुरक्षित रखा जाए और इस सप्ताह हमने जो सीखा है वह यह है कि अनियंत्रित गलत सूचना और भ्रामक पोस्ट हमारी सभी जागरूकताओं को कमजोर कर सकते हैं.”