फेस्टिव सीजन आते ही शुरु हुई ऑनलाइन-ऑफलाइन की जंग, कौन मारेगा बाजी?

भारत के रिटेल सेक्टर में सबसे बड़ा व्यापार यूं तो राशन और एफएमसीजी का है, तभी तो टाटा-बिड़ला से लेकर अंबानी-अडानी और अमेजन-वालमार्ट तक भारत के इस कारोबार में मौजूद हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन के बाद शुरू होने वाले त्योहारी सीजन में देश के अंदर ऑटोमोबाइल से लेकर अपैरल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वैलरी इत्यादि सभी की भरपूर डिमांड क्रिएट होती है. हाल के कुछ सालों में देश के रिटेल सेक्टर में ऑफलाइन और ऑनलाइन की जंग देखी गई है, ऐसे में इस बार कौन बाजी मारेगा? चलिए समझते हैं पूरा गणित…
देश में ब्लिंकइट और जेप्टो जैसे क्विक डिलीवरी ई-कॉमर्स के आने के बाद लोगों की ऑनलाइन शॉपिंग बढ़ी है. लेकिन इस दौरान रिलायंस स्मार्ट बाजार और जूडियो जैसे मॉडर्न रिटेल का कारोबार बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. देश में ऑफलाइन रिटेलर्स सेगमेंट की अच्छी बात ये है कि इसमें छोटे से लेकर बड़े हर तरह के व्यापारी को काम करने का मौका मिलता है.
आएगी ऑनलाइन डिस्काउंट्स की बाढ़
ई-कॉमर्स के विस्तार ने सरकार को भी ऑफलाइन रिटेलर्स के लिए चिंतित किया है, क्योंकि ये सेगमेंट देश में करोड़ों लोगों को रोजगार देता है. हाल में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ई-कॉमर्स सेक्टर जिस तरह की प्रैक्टिस को अपना रहा है. वह देश में करोड़ों ऑफलाइन रिटेलर्स के रोजगार को तबाह कर रहा है. अब फेस्टिव सीजन है और ऑनलाइन प्लेयर्स मार्केट में हेवी डिस्काउंट की सेल्स लेकर आने वाले हैं. लंबे समय से मार्केट में खरीदारी कम हो रही है, ऐसे में इस साल सीजन में ज्यादा हेवी डिस्काउंट की बाढ़ देखने को मिल सकती है.
इलेक्ट्रॉनिक्स, स्मार्टफोन मार्केट में बड़ी जंग
अगर बात ऑनलाइन और ऑफलाइन रिटेलर्स के बीच की जंग की जाए, तो ये सबसे ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक्स, स्मार्टफोन और गैजेट्स के मार्केट में देखने को मिलती है. फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की बढ़ी सेल इसी सेगमेंट से आती है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड्स की सालाना सेल का करीब 30 प्रतिशत सिर्फ फेस्टिव सीजन में हो जाता है.
ईटी की एक खबर के मुताबिक देश के करीब 1.5 लाख ऑफलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेलर्स ने बड़े ब्रांड्स को लिखा है कि टॉप मैन्युफैक्चर्स ई-कॉमर्स को फेवर करते हैं. उनके ब्रांड्स पर ऑनलाइन में हेवी डिस्काउंट होने की संभावना से ऑफलाइन रिटेलर्स का कारोबार 50 प्रतिशत तक प्रभावित हो सकता है
रिटेलर्स ने अपनी ये शिकायत सैमसंग, पोको, मोटोरोला, रीयलमी, वनप्लस और आईकू जैसे ब्रांड्स से की है. ये 1.5 लाख रिटेलर्स साल का करीब 30,000 करोड़ रुपए का रिवेन्यू जेनरेट करते हैं.
प्रीमियम प्रोडक्ट की खरीदारी ऑफलाइन से
लेकिन मार्केट में एक नया ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है. लोग प्रीमियम प्रोडक्ट की खरीदारी के लिए ऑफलाइन स्टोर को ज्यादा तवज्जो देते हैं. रिसर्च फर्म नीलसन आईक्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक फेस्टिव सीजन में एफएमसीजी की सेल्स में 20 प्रतिशत और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की सेल्स में 60 प्रतिशत तक की ग्रोथ देखी जाती है. वहीं ज्वैलरी और अपैरल सेक्टर में अब भी ऑफलाइन रिटेलर्स की सेल अब भी बेहतर बनी हुई है.
भारत में खरीदारी के लिहाज से फेस्टिव सीजन काफी अहम माना जाता है क्योंकि इस दौरान किसानों को फसल कटने के बाद नया पैसा मिलता है. वहीं देशभर में ओनम, दीवाली, नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे त्योहार होते हैं. इसलिए अधिकतर कैटेगरी की वार्षिक सेल का करीब 20 से 30 प्रतिशत इसी अवधि में आ जाता है.

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