फेस्टिव सीजन में फूड ऑयल पर पड़ी महंगाई की मार, अब इतनी हो गईं पाम ऑयल की कीमतें
फेस्टिव सीजन में एक बार फिर आम जनता पर महंगाई मार पड़ी है. दरअसल, सितंबर में भारत का खाद्य तेलों का आयात सालाना आधार पर 29 प्रतिशत घटकर 10,64,499 टन रह गया. कच्चे और रिफाइंड पाम तेल का आयात कम रहने से खाद्य तेल आयात में गिरावट आई है. उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. पिछले साल इसी महीने में खाद्य तेलों का आयात 14,94,086 टन था.
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने शुक्रवार को सितंबर के लिए वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य दोनों) के आयात के आंकड़े जारी किए. सितंबर में अखाद्य तेलों का आयात सालाना आधार पर 57,940 टन से घटकर 22,990 टन रह गया. आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में वनस्पति तेलों का आयात एक साल पहले के 15,52,026 टन की तुलना में 30 प्रतिशत घटकर 10,87,489 टन रह गया.
इस कारण कम हुई बिक्री
एसईए के आंकड़ों से पता चला कि खाद्य तेल श्रेणी में कच्चे पाल तेल का आयात इस साल सितंबर में घटकर 4,32,510 टन रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 7,05,643 टन था. दूसरी ओर रिफाइंड पाम तेल का आयात 1,28,954 टन से घटकर 84,279 टन रह गया. कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात भी 3,00,732 टन से घटकर 1,52,803 टन रह गया. एसईए ने आयात में गिरावट का कारण जुलाई-अगस्त के दौरान अधिक आयात और मांग में कमी को बताया. ऐसे में बंदरगाहों पर स्टॉक बढ़ गया. इसके अलावा, कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण आयातक सतर्क हो गए हैं.
इतनी हो गई कीमत
खुदरा बाजार में तेल की कीमत में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सरसों के तेल में देखी जा रही है. सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कीमत में भी पिछले कुछ समय से तेजी देखी गई है. जानकारों के मुताबिक अगले कुछ समय में तेल की कीमत में तेजी देखी जा सकती है. वहीं दूसरी ओर त्योहारी सीजन के कारण देश में खाद्य तेल की मांग में सुधार हो रहा है. इससे अक्टूबर में पाम तेल का आयात 7 लाख टन से अधिक हो सकता है.