बच्चे को पड़ गई है चश्मे की जरूरत! ये लक्षण देखते ही समझ जाएं पेरेंट्स
Child Needs Glasses: तकनीक के इस दौर में गैजेट्स का इस्तेमाल बढ़ गया है. छोटे बच्चे तो मोबाइल और टीवी का काफी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में उनकी आंखों पर इसरा बुरा असर देखने को मिलता है. ऐसे में चश्मे की जरूरत पड़ती है. वहीं, कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिनको जन्म के समय से ही आंखों से जुड़ी दिक्कतें होती हैं.
कई पेरेंट्स तो अपने बच्चों की आंखों से जुड़ी समस्याओं को ठीक तरह से पहचान ही नहीं पाते हैं. ऐसे में बच्चों की आंखें खराब होने का रिस्क और ज्यादा होता है. बहरहाल, यहां हम आपको उन लक्षणों के बारे में बताएंगें, जिन्हें देखकर पेरेंट्स को पता चल जाएगा कि क्या बच्चों को चश्मे की जरूरत है या नहीं.
बार-बार आंखें बंद करना
अगर आप काफी बार ये नोटिस कर रही हैं कि आपका बच्चा बार-बार आंखों को बंद कर रहा है तो इस लक्षण को नजरअंदाज बिल्कुल भी न करें. ऐसा तब होता है जब बच्चों के नॉर्मल विजन में किसी तरह की कोई दिक्कत आ रही हो.
उंगली रखकर पढ़ना और भूल जाना
अगर आपका बच्चा उंगली रखकर पढ़ रहा है और फिर तुरंत उस चीज को भूल रहा है- तो उसे चश्मे की जरूरत हो सकती है. छोटे बच्चे अक्सर किताब पर उंगली रखकर ही पढ़ते हैं लेकिन बच्चा बड़ा हो जाने पर अचानक से ऐसे पढ़ने लगे तो नजरअंदाज न करें.
सिर में दर्द
अगर आपके बच्चे को बार-बार सिरदर्द की शिकायत हो रही है तो उसकी नजर कमजोर हो सकती है. ऐसा किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है. लेकिन ये नजर कमजोर होने के संभावित लक्षणों में से एक है. इस स्थिती में उसे आप तुरंत डॉक्टर से दिखाएं. डॉक्टर सही पावर का चश्मा सजेस्ट कर सकते हैं, जिससे विजन में कोई परेशानी नहीं होगी.
पास जाकर टीवी देखना
अगर आपका बच्चा पहले की तुलना में अचानक से बहुत पास जाकर टीवी देखने लगा है, तो भी ये कमजोर नजर के लक्षण हो सकते हैं. यह पेरेंट्स के लिए संकेत है कि आपके बच्चे की आंखें खराब होने लगी हैं.