बच्चों के लिए कितने सुरक्षित हैं गेम जोन? एक्सपर्ट से जानें मेंटल हेल्थ पर क्या होता है असर

गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम जोन में लगी आग की वजह से देखते ही देखते ये जगह डेथ जोन में बदल गयी. आग की लपटे और धुएं के गुबार देख हर कोई दहल गया. बच्चों के लिए फन करने की जगह कैसे उनकी जान की दुश्मन बन गई. अब तक इस हादसे में बच्चों और बड़ों समेत 27 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. आजकल माता-पिता बच्चों को वीकेंड पर मॉल में बने गेम जोन में ले जाते हैं, जहां बच्चे घंटों एक ही जगह पर कई एक्टिविटी करते हैं, लेकिन क्या आउटडोर गेम खेलने की बजाय गेम जोन में ले जाना बच्चों की मानसिक और शारीरिक ग्रोथ के लिए फायदेमंद है या फिर इससे उन्हें नुकसान होता है.
मॉर्डन लाइफस्टाइल में सभी इतने बिजी हैं कि बच्चों का भी लंबा वक्त स्क्रीन के सामने गुजरता है और ऐसे में उन्हें आउटडोर गेम के लिए प्रोत्साहित न करके गेम जोन में लेकर जाना उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. इसके साथ ही बच्चों की फिजिकल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है और वह कई गंभीर समस्याओं के शिकार हो सकते हैं.
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्यपर नकारात्मक असर
नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम के साइकोलॉजी एंड क्लीनिकल साइकोलॉजी, कंसलटेंट डॉ. राहुल राय कक्कड़ कहते हैं कि आज के समय में गेम जोन बच्चों की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। एक ओर, ये गेम जोन बच्चों को मनोरंजन और सामाजिक जुड़ाव का साधन प्रदान करते हैं, जिससे उनकी रचनात्मकता और समस्या-समाधान की क्षमता विकसित हो सकती है तो वहीं दूसरी ओर, अत्यधिक गेमिंग बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
गेम जोन के आदि होने पर हो सकती हैं ये हेल्थ प्रॉब्लम
डॉ. राहुल राय कक्कड़ के मुताबिक, लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से आंखों की समस्याएं, नींद में कमी और शारीरिक गतिविधियों में कमी हो सकती है, जो मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है. मानसिक रूप से, यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कमजोर कर सकता है और बच्चों में आक्रामक व्यवहार को बढ़ावा दे सकता है, इसलिए, गेम जोन का संतुलित उपयोग और माता-पिता की निगरानी आवश्यक है ताकि बच्चे स्वस्थ और सकारात्मक मानसिक विकास कर सकें.
माता-पिता को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान?
बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अच्छी तरह से हो इसके लिए माता-पिता अपने बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें. इसके अलावा उन्हें क्रिकेट, बैडमिंटन, वॉलीबॉल जैसे अन्य खेलों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. अगर आप बच्चों को फन के लिए कहीं घुमाने ले जाना चाहते हैं तो पार्क, म्यूजियम, जू और लाइब्रेरी जैसी जगहों पर लेकर जाएं. वहीं गेम जोन जैसी जगहों पर बच्चों को बार-बार न लेकर जाएं. इसके अलावा वहां जाने पर पहले ही सेफ्टी की सभी चीजों के बारे में सही से जानकारी ले लेनी चाहिए.

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