बजट के बाद क्यों दौड़ी रियल एस्टेट में खुशी की लहर, आखिर जानकारों ने क्या कहा?
साल 2024-25 का आम बजट रियल एस्टेट सेक्टर के लिए खुशी लेकर आया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शहरी आवास के लिए 2.2 करोड़ रुपए के बजट के चलते विकास में तेजी आने की उम्मीद है. साथ ही पीपीपी मोड पर रेंटल हाउसिंग का विकल्प खुलने से न सिर्फ लोगों को किराए पर आवास मिलेंगे बल्कि रेंटर इनकम के लिए निवेश भी बढ़ेगा.
वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों को स्टांप डयूटी कम करने का सुझाव दिया. इसके बाद रियल एस्टेट बाजार को सकारात्मक उम्मीद जगी है. डेवलपर्स का कहना है कि इससे घर खरीदारों को लाभ होगा और वे घरों की ओर निवेश की ओर उत्साहित होंगे. इसका सीधा लाभ सेक्टर को होगा. इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर व शहरी घरों को बनाने में सरकार दस लाख करोड़ से अधिक का फंड खर्च करेगी. इससे भी सभी को लाभ होगा. आईए जानते हैं डेवलपर्स क्या कहते हैं.
बजट पर क्या कह रहे हैं जानकार
क्रेडाई के चेयरमैन और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सबसे बड़ी घोषणा 10 लाख करोड़ रुपये का शहरी आवास के लिए निवेश है. यह देश में किफायती आवास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की जरूरतों को पूरा करेगा. उच्च मांग के बावजूद, इस क्षेत्र में प्रगति धीमी रही है क्योंकि बजटरी सपोर्ट की कमी थी. यह फंडिंग कई नए किफायती आवास परियोजनाओं की शुरुआत की उम्मीद है. औद्योगिक श्रमिकों के लिए रेंटल हाउसिंग के PPP मॉडल की भी सराहना की जानी चाहिए। इसके अलावा, 30 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरी केंद्रों में ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर ध्यान केंद्रित करना शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगा. शहरी क्षेत्रों में लोगों की संख्या में 30-40% वृद्धि की उम्मीद के साथ, यह बजट एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण दर्शाता है. कुल मिलाकर, यह बजट रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है.
काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण के लिए बजट में की गई पहल, जिसके लिए जरूरी आवंटन किया जा रहा है. यह समग्र विकास और प्रगति को बढ़ावा देगा. साथ ही, शहरी क्षेत्रों में किफायती घरों के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने की घोषणा निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को अपने आवास के सपने को साकार करने में मदद करेगी. इसके अलावा, पिछले बजटों के विपरीत, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों पर काफी जोर दिया गया था, पीपीपी मॉडल के तहत प्रवासी औद्योगिक श्रमिकों के लिए छात्रावास जैसे किराये के आवास प्रदान करने की घोषणा एक बड़ी पहल है. यह समावेशी विकास को बढ़ावा देगी. बजट में राज्य सरकारों को स्टांप ड्यूटी कम करने के लिए भी कहा गया है, जिससे लाखों घर खरीदारों को राहत मिलेगी. कुल मिलाकर, बजट चौतरफा विकास को प्रोत्साहित करता है, और रियल एस्टेट क्षेत्र, आवासीय और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों को इन कदमों से लाभ होगा.
लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण फाइनेंसियल सपोर्ट बनाए रखने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बताया. इस वर्ष 11.11 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय आवंटन, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% है, इस समर्पण को दर्शाता है. अगले पांच वर्षों में रोजगार सृजन के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के आवंटन से मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र में विकास में तेजी आएगी. वित्त वर्ष 2025 के लिए केंद्रीय बजट की प्रस्तुति ने किफायती आवास को बढ़ाने पर सरकार के फोकस को भी उजागर किया, जिसका उद्देश्य शहरी आवास में 10 करोड़ रुपये के पर्याप्त इन्वेस्टमेंट के माध्यम से इस क्षेत्र में चिंताओं को दूर करना, आवास की आपूर्ति और सामर्थ्य को बढ़ाना है, जिससे रियल एस्टेट मार्किट की गतिशीलता पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट पड़ेगा.”
एम्बियंस ग्रुप के चीफ बिजनेस ऑफिसर अंकुश कौल के अनुसार शहरी आवास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन शहरों में सस्ती आवास की तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करेगा, जबकि 11.1 लाख करोड़ रुपये का बुनियादी ढांचा विकास पर खर्च कमर्शियल और आवासीय रियल एस्टेट को बढ़ावा देगा. भले ही रियल एस्टेट क्षेत्र को सीधे प्रभावित करने वाली कोई घोषणा नहीं हुई हो, बजट का विकास पर जोर क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देगा.
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा का कहना है कि यूनियन बजट 2024 ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ शहरी आवास, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, युवाओं को स्किलिंग और रोजगार अवसर सृजन पर एक मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है. शहरी आवास में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा के साथ, बजट ने सही प्राथमिकताएं सेट की हैं और सस्ते आवास को प्रोत्साहित किया है. इसके अलावा, सरकार ने रजिस्ट्रेशन खर्च कम करने के लिए स्टांप ड्यूटी घटाने का सुझाव दिया है. इसलिए, यह बजट वाणिज्यिक और आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करता है.
गुलशन ग्रुप के डायरेक्टर दीपक कपूर ने बताया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च, एक ओर जहां समृद्धि को बढ़ावा देगा, वहीं आर्थिक संभावनाओं को भी बेहतर करेगा, जिससे आवास और कमर्शियल रियल्टी क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा. शहरी आवास के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किफायती आवास विकास को सक्षम करेगा. इसके अलावा, अगले पांच वर्षों में 2 लाख करोड़ रुपये की योजना से रोजगार सृजन होगा, जो मांग को बढ़ाएगा और इसके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट डेवलपमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर, संजय शर्मा के अनुसार सरकार ने 11.1 लाख करोड़ का आवंटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किया है, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा फायदा होगा. इसके अलावा, अगले पांच साल में 2 लाख करोड़ रोजगार सृजन के लिए खर्च किए जाएंगे, जिससे मांग बढ़ेगी और विकास को बढ़ावा मिलेगा. राज्य सरकार को स्टांप ड्यूटी घटाने की सलाह दी गई है, जिससे खरीदारों को रजिस्ट्रेशन की लागत कम होगी।10 लाख करोड़ का निवेश शहरी आवास में किया जाएगा, जिससे सस्ती आवास सुविधा मिलेगी और मध्यवर्गीय घर खरीदारों की जरूरतें पूरी होंगी. ये सभी कदम इस बजट को रियल एस्टेट सेक्टर में बदलाव लाने वाला बना रहे हैं.
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी के अनुसार सरकार द्वारा यह निर्धारित निवेश शहरी विकास और सामाजिक समानता के लिए एक मजबूत वादा साबित होता है. शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों की आवास आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करके, सरकार समावेशी विकास सुनिश्चित कर रही है और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि कर रही है.
ग्रुप 108 के एमडी संचित भूटानी के अनुसार केंद्रीय बजट 2024 भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए एक मजबूत नींव रखता है, जिसमें बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन और शहरी आवास को बढ़ावा दिया गया है. बुनियादी ढांचे पर 11.1 लाख करोड़ रुपये खर्च होने से कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा फायदा होगा. स्टांप ड्यूटी कम करने के सरकार के सुझाव से कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले लाखों खरीदारों को राहत मिलेगी. इसके अलावा, अगले पांच साल में 2 लाख करोड़ रुपये की नौकरी सृजन के लिए राशि से मांग बढ़ेगी और क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा.
स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजिडेंट सेल्स एंड मार्केटिंग अजेंद्र सिंह का कहना है कि केंद्रीय बजट 2024 में बुनियादी ढांचे, रोजगार, युवाओं की स्किल्स, छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) और शहरी आवास को प्राथमिकता दी गई है. इसमें स्टांप शुल्क घटाने और टीओडी और औद्योगिक पार्क बनाने पर जोर दिया गया है. बुनियादी ढांचे के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिससे रोजगार और स्किल्स के विकास के साथ कमर्शियल संपत्तियों की वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा.
ट्राईसोल रेड के सेल्स डायरेक्टर सौरभ शर्मा का कहना है कि शहरी आवास में 10 लाख करोड़ का निवेश एक रणनीतिक कदम है जिसके दूरगामी प्रभाव होंगे. 1 करोड़ शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करके, सरकार न केवल जीवन स्तर में सुधार कर रही है, बल्कि रोजगार सृजन और निर्माण क्षेत्र में बढ़ती मांग के माध्यम से आर्थिक विकास भी कर रही है.
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा एक बड़ा बदलाव है. यह पर्याप्त निवेश न केवल अफोर्डेबल हाउसिंग प्रदान करेगा बल्कि रियल एस्टेट सेक्ट्रोर को भी आगे बढ़ाएगा, जिससे शहरी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा
सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर मार्केटिंग एवं बिजनेस मैनेजमेंट सलिल कुमार के अनुसार प्रदेश सरकारों को स्टांप ड़यूटी कम करने का जो सुझाव दिया गया है वह बेहद सकारात्मक कदम हैं. इससे लाखों फ्लैटधारकों को लाभ होगा और रजिस्ट्री में उनका खर्च कम होगा. लंबे समय से कई संगठन यह मांग उठा रहे हैं, सरकार ने इसका संज्ञान लिया है. इसके अलावा शहरों में घरों के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का का निवेश एक बड़ा कदम है जिसके दूरगामी प्रभाव बेहद सकारात्मक होंगे. एक करोड़ शहरी गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों को घर देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इसके साथ ही इनकम टैक्स स्लैब में लोगों को छूट मिलने लोगों की बचत होगी और वे घर लेने की ओर आगे बढ़ेंगे. रोजगार सृजन और निर्माण क्षेत्र में बढ़ती मांग के माध्यम से आर्थिक विकास में भी तेजी आ रही है.
सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024 का केंद्रीय बजट भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए मजबूत नींव तैयार करता है. बुनियादी ढांचे और शहरी विकास के लिए महत्वपूर्ण धनराशि आवंटित की गई है, साथ ही वित्तीय सुधार भी किए गए हैं, जो कार्यालय स्थान क्षेत्र को बहुत बढ़ावा देंगे. बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के लिए ग्रामीण विकास और वित्तीय सहायता पर जोर दिया गया है जो समावेशी विकास को प्रोत्साहित करेगा. शहरी बुनियादी ढांचे के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित करने के साथ, बजट आधुनिक व्यावसायिक स्थानों के निर्माण पर जोर देता है. यह महत्वपूर्ण निवेश शहरी विकास और व्यापार वृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे कार्यालय स्थान निवेश के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनेगा और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
मोतियाज ग्रुप के एमडी मुकुल बंसल के अनुसार हम केंद्र सरकार के बजट 2024 का स्वागत करते हैं, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के विकास, शहरी योजना और सस्ती आवास को प्रोत्साहित करने पर जोर देने के लिए। ये पहल रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को उत्प्रेरित करेंगी, जिससे डेवलपर्स और गृह खरीदारों के लिए नए अवसर और परिवर्तनकारी बदलाव आएंगे.
एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल का कहना है कि शहरी आवास के लिए धन देने का सरकार का निर्णय एक ऐतिहासिक कदम है. यह निम्न और मध्यम आय वाले परिवारों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग की महत्वपूर्ण मांग को संबोधित करता है, यह सुनिश्चित करता है कि अधिक लोगों को पर्याप्त रहने की स्थिति तक पहुंच प्राप्त हो. यह प्रयास रियल एस्टेट मार्किट को बढ़ावा देगा, शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करेगा.
सुषमा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में दूसरे दर्जे के शहरों में बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन पर जोर देने वाले कदम सराहनीय हैं. इन कदमों से रियल एस्टेट विकास को प्रोत्साहन मिलेगा. सस्ती आवास, जो चिंता का विषय रही है, को शहरी आवास में 10 करोड़ के निवेश से बढ़ावा मिलेगा.
एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल का कहना है कि केंद्रीय बजट ने शहरों के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है. इसमें शहरी क्षेत्रों में परियोजनाओं के लिए वित्त में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कनेक्टिविटी और जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा. नए बजट में शहरी आवास परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को शामिल करने की योजना है, जो शहरों का आधुनिकीकरण करेगी और बढ़ती शहरी आबादी को बेहतर ढंग से समायोजित करेगी.
एक्सॉन डेवलपर्स के एमडी अंकित कंसल का कहना है कि एक बार फिर, बजट में भारतीय रियल एस्टेट के लिए कोई विशेष नीति साझा नहीं की गई, जो थोड़ी निराशाजनक है. हालांकि, एक सकारात्मक पहलू यह है कि बजट ने मैक्रो इकोनॉमी के मूलभूत पहलुओं, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और देश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है. बजट ने स्टार्ट-अप्स, महिलाओं की उन्नति, ऊर्जा सुरक्षा, शहरी विकास और एमएसएमई फंडिंग के लिए कई ठोस कदम की घोषणा की है. इसके साथ ही, बिहार और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, साथ ही ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार होगा. ये कदम मिलकर भारतीय रियल एस्टेट की मांग को काफी बढ़ावा दे सकते हैं.
पिरामिड इंफ्राटेक के अश्विनी कुमार के अनुसार इस केंद्रीय बजट 2024 में प्रमुख घोषणा अर्बन हाउसिंग सेगमेंट के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन है. यह कदम अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देगा, मध्यम वर्ग के होम बायर्स की जरूरतों को पूरा करेगा. इसके अलावा, राज्य सरकारों द्वारा स्टांप ड्यूटी कम करने का सुझाव एक बहुत ही पॉजिटिव स्टेप है. इससे लाखों फ्लैट मालिकों को उनकी रजिस्ट्री लागत कम होने से लाभ होगा. दूसरी ओर, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विकास पर 11.1 लाख करोड़ रुपये के खर्च से कमर्शियल और रेजिडेंशियल रियल एस्टेट दोनों को बढ़ावा मिलेगा.”
एस्कॉन इंफ्रा रियल्टर के एमडी नीरज शर्मा के अनुसार हम केंद्रीय बजट 2024 का स्वागत करते हैं, जो बुनियादी ढांचे के विकास, शहरी आवास और युवा कौशल पर ध्यान देता है. रोजगार सृजन और खपत को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशें रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक हैं. इसके अलावा, यह राज्य सरकारों को स्टांप शुल्क कम करने के लिए भी प्रेरित कर रहा है. शहरी आवास में 10 करोड़ का निवेश न केवल रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि आवास की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को भी बढ़ाएगा.
राजदरबार वेंचर्स के डायरेक्टर नंदनी गर्ग के अनुसार केंद्रीय बजट 2024 की पीएम आवास योजना शहरी 2.0, जो 10 लाख करोड़ के निवेश और केंद्रीय सहायता के साथ है, शहरी आवास की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है. इसमें किफायती ऋण, पारदर्शी किराया बाजार और खासकर महिलाओं के लिए कम स्टांप शुल्क पर ध्यान दिया गया है. यह सतत शहरी विकास की ओर एक प्रगतिशील दृष्टिकोण को दर्शाता है.
भुमिका ग्रुप के एमडी उद्धव पोद्दार के अनुसार का कहना है कि 11.1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन और रोजगार व कौशल विकास पर ध्यान रियल एस्टेट विकास को बढ़ावा देगा और कमर्शियल क्षेत्र को नई ऊर्जा देगा. शहरी क्षेत्रों में किराए के आवास के लिए PPP मॉडल और ट्रांज़िट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) से भी रियल एस्टेट को लाभ मिलेगा.
गिल्को ग्रुप के एमडी तेजप्रीत सिंह ने कहा कि पीएम आवास योजना-शहरी के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की घोषणा एक बड़ा कदम है जो एक करोड़ गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों के लिए घर उपलब्ध कराएगी. इस विशाल निवेश से न सिर्फ सस्ते घर मिलेंगे, बल्कि इससे रोजगार भी पैदा होंगे और निर्माण उद्योग को भी मजबूती मिलेगी. यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है, और हमें इस प्रयास में योगदान देने की खुशी है.
इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास ने केंद्रीय बजट पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में 11.11 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय की घोषणा की है. यह भारत के जीडीपी का 3.4% है और बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दिखाता है. सरकार की योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी. विशेष रूप से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण से ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच सुधरेगी और बेहतर सड़कें और परिवहन नेटवर्क व्यापार प्रदर्शनी जैसे बड़े आयोजनों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. बेहतर बुनियादी ढांचा इवेंट्स को आसान और सफल बनाएगा, जिससे हमारे उद्योग और समग्र अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.
रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल ने कहा कि “हम वित्त मंत्री द्वारा स्टाम्प शुल्क को कम करने तथा महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों पर अतिरिक्त छूट प्रदान करने पर जोर दिए जाने का स्वागत करते हैं. उम्मीद है कि राज्य सरकारें जल्द ही इनपर निर्णय लेंगी जिसका लाभ लोगों को होगा. इन उपायों से घर खरीदना आसान होगा. शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा.
ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर गुरपाल सिंह चावला के अनुसार बजट भारत के भविष्य के लिए एक मजबूत योजना को दिखाता है, और हमें खुशी है कि सरकार ने बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन, युवाओं की शिक्षा, MSME का समर्थन और शहरी आवास पर ध्यान दिया है. स्टांप ड्यूटी कम करने का सरकार का कदम बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे खरीदारों को पंजीकरण की लागत में राहत मिलेगी. यह कदम मांग को बढ़ाएगा और रियल एस्टेट सेक्टर को नया जीवन देगा. इसके अलावा, ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) और औद्योगिक पार्कों की योजना एक दूरदर्शी कदम है, जो रियल एस्टेट के दोनों आवासीय और कमर्शियल क्षेत्रों को बड़ा लाभ पहुंचाएगा.