बजट से पहले विदेशी निवेशकों ने बरसाया पैसा, टूट गया 20 साल का रिकॉर्ड
देश में बजट सिर पर है और उससे पहले विदेशी निवेशकों ने 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जी हां, ये बात हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि साल 2004 से लेकर 2024 तक देश में 5 लोकसभा चुनाव हुए हैं. इन चुनावों के बाद देश की सरकार पूर्ण बजट लेकर आती है. जिसका असर देश के शेयर बाजार और विदेशी निवेशकों पर भी साफ देखने को मिलता है. बीते 20 साल में पहली बार ऐसा हो रहा है कि आम चुनाव के बाद देश का बजट जुलाई के आखिरी सप्ताह में आ रहा है. इससे पहले 2004 से लेकर 2019 तक चुनाव के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में ही बजट पेश हो जाता था. इस बार खास बात तो ये है जुलाई के महीने में अभी तक विदेशी निवेशक शेयर बाजार में 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कर चुके हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर एनएसडीएल पर किस तरह के आंकड़ें देखने को मिल रहे हैं.
इस तरह के देखने को मिले आंकड़ें
बजट में नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 30,772 करोड़ रुपए का निवेश किया है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने अबतक (19 जुलाई तक) शेयरों में शुद्ध रूप से 30,772 करोड़ रुपये डाले हैं. इससे पहले राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में उन्होंने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
वहीं इससे पहले एफपीआई ने चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे. मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि की चिंता के बीच अप्रैल में उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी. समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 13,573 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे इस साल अबतक बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 82,197 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
बीते 20 साल में सबसे ज्यादा
चुनावी साल के बजट महीने यानी जुलाई के महीने में विदेशी निवेशकों ने इतनी बड़ी रकम पहली बार शेयर बाजार में डाली है. साल 2004 के चुलाव के बाद जुलाई के महीने में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 914 करोड़ रुपए का निवेश किया था. जबकि साल 2009 के जुलाई के महीने में ये आंकड़ा 11,066 करोड़ रुपए का देखने को मिला. 2014 के जुलाई महीने का ये आंकड़ा बढ़कर 13,110 करोड़ रुपए पहुंच गया था. जबकि साल 2019 के जुलाई महीने में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 12,419 करोड़ रुपए निकाल लिए थे.
क्या कहते हैं जानकार
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा बजट के सुधारोन्मुख रहने की उम्मीद से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर यदि डॉलर और बॉन्ड प्रतिफल में नरमी का हालिया रुख जारी रहता है, तो एफपीआई की भारतीय बाजार में लिवाली जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि घरेलू और विदेशी निवेशक 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में संभावित बदलावों पर उत्सुकता से नजर रख रहे हैं.