बांग्लादेश की घटना से हिंदू समाज आक्रोशित, साधु-संतों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, केंद्र से की ये मांग
Bangladesh Violence: हरिद्वार में साधु-संतों ने रविवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंध में ठोस कदम उठाने की मांग की और कहा कि जरूरत पड़ी तो संत समुदाय बांग्लादेश कूच करने को तैयार है. वहीं, वीर सावरकर के वंशज रंजीत सावरकर ने कहा कि भारत सरकार को वहां के हिंदू बहुल इलाकों में जाकर सैन्य शक्ति के जरिए उनकी रक्षा करनी चाहिए.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने हरिद्वार के अवधूत मंडल आश्रम में साधु-संतों की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. वहीं, मुंबई में हिंदू राष्ट्र-जागृति समिति की अनुवाई में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर भी बांग्लादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
बांग्लादेश की घटना से हिंदू समाज आक्रोशित
हरिद्वार में महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. उनके प्रतिष्ठानों को जलाया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है. महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले नहीं रुके तो भारत का संत समाज जरूरत पड़ने पर बांग्लादेश कूच करने को तैयार है. वहीं पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार को इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर बांग्लादेश को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए. ताकि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र से भी हस्तक्षेप करने की मांग की. बैठक में महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि बांग्लादेश की घटना से हिंदू समाज आक्रोशित है. उन्होंने आरोप लगाया कि वहां हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है.
संत समाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा
गिरी ने दावा किया कि हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान रह रहे हैं. उन्हें भी देश से बाहर किया जाना चाहिए अन्यथा वे देश के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं. वहीं, रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने केंद्र से बांग्लादेश में हिंदुओं और मठ-मंदिरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना पूछा कि समय-समय पर एक खास समुदाय के प्रति प्रेम जताने वाले आज चुप क्यों हैं?
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उन्होंने कहा कि भारत की मदद से फल-फूल रहे बांग्लादेश की नई पीढ़ी में जहर घोलकर भारत को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए केंद्र को सतर्क रहना चाहिए. प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी चुप है. इससे पहले संतों ने उपमंडल मजिस्ट्रेट के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी भेजा और मामले में बांग्लादेश के खिलाफ दबाव बनाने का आग्रह किया.
बांग्लादेश में सेना भेजनी चाहिए- रंजीत सावरक
महाराष्ट्र में भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हुए. मुंबई में हिंदू राष्ट्र-जागृति समिति के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ, जिसमें वीर सावरकर के वंशज रंजीत सावरकर भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार से अल्पसंख्यक हिंदुओं में काफी डर का माहौल है. रंजीत सावरकर ने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. भारत को बांग्लादेश में सेना भेजनी चाहिए और बांग्लादेश के हिंदू बहुल हिस्से को भारत से जोड़ना चाहिए.