बांग्लादेश तनाव से हरकत में आई भारतीय FMCG कंपनियां, कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उठाए ये कदम

शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने से बांग्लादेश मे हालात और बिगड़ गए हैं. देश में भड़की हिंसा की आग वहां काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को भी झुलसा सकती है. इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए भारतीय FMCG कंपनियां हरकत में आ गई हैं. कोका-कोला, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, पेप्सिको, मैरिको और डाबर ने अपने बांग्लादेश यूनिट में काम करने वालों की सुरक्षा के लिए निर्देश जारी किए है. कंपनियों के सीईओ ने पड़ोसी देश में अपने फील्ड ऑपरेशन रोकने और कार्यालय बंद रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कर्मचारियों को घर के अंदर रहने और दफ्तर न आने की सलाह दी है.
कई कंपनियों ने तो हालात सामान्य होने तक सेल्स ऑपरेशन भी बंद करने का फैसला किया है. कंपनियों के आलाधिकारियों का कहना है कि यह एक वैश्विक संकट है, ऐसे में मसले पर निगरानी रखी जा रही है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एचयूएल के प्रबंध निदेशक रोहित जावा का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में अशांति के कारण कंपनी ने अपने ऑपरेशन्स वहां बंद कर दिए हैं. कंपनी का फोकस इस समय अपने लोगों और अपने हितधारकों की सुरक्षा का ध्यान रखना है. कोका-कोला इंडिया के प्रवक्ता ने भी कहा कि उनके लिए कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. इसीलिए सभी कर्मचारियों से अत्यधिक सावधानी बरतने और घर से काम करने की अपील की है.
पड़ोसी देश में किन कंपनियों का है कितना हिस्सा?
डाबर, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ब्रिटानिया और इमामी जैसी कई घरेलू फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनियों की बांग्लादेश में मौजूदगी है, जो उनके कुल राजस्व का 1% से 5% के बीच है.
बांग्लादेश में डाबर की सहायक कंपनी आंवला और वाटिका हेयर ऑयल और ओडोनिल एयर फ्रेशनर बनाती है, जबकि इमामी ढाका में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में सौंदर्य प्रसाधन और आयुर्वेदिक दवाइयां बनाती है. वहीं सफोला और पैराशूट तेल के निर्माता को वर्तमान में बांग्लादेश से अपने अंतरराष्ट्रीय राजस्व का 44% मिलता है.

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