बांग्लादेश पर गौतम अडानी का बड़ा ऐलान, बिजली सप्लाई पर कह दी ये बात

बांग्लादेश में जारी उठापटक के बीच अडानी ग्रुप ने बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करने को लेकर कहा है कि अभी भी पड़ोसी देश के ऊपर 800 मिलियन डॉलर यानी 67 हजार करोड़ का कर्ज है, लेकिन फिर भी हम बिजली देना बंद नहीं करने जा रहे हैं.
गौतम अडानी ने बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करने के लिए झारखंड के गोड्डा में 1.6 गीगावाट का कोल बेस्ड प्लांट स्थापित किया है. जहां से डेडिकेटेड ट्रांसमिशन कॉरिडोर के थ्रू बिजली सप्लाई की जाती है. जानकारी के अनुसार बांग्लादेश की तत्कालिक सरकार इस बिजली के लिए अडानी को काफी पैसा दे रही थी. इस सप्लाई के लिए शेख हसीना सरकार की काफी आलोचना भी की गई थी. इस प्लांट से पैदा होने वाली बिजली का मंथली का बिल 90 से 100 मिलियन डॉलर के करीब आता है.
अडानी ग्रुप ने तब की थी डील
बता दें कि कंपनी ने नवंबर 2017 में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल के दौरान बीपीडीबी के साथ 25 साल का बिजली खरीद समझौता (पीपीए) किया था, जिसके तहत प्लांट से 1,496 मेगावाट (MW) बिजली की आपूर्ति की जाएगी, जो देश की अधिकतम बिजली मांग का लगभग 10 प्रतिशत है. 2 बिलियन डॉलर की कुल परियोजना लागत के साथ गोड्डा बिजली परियोजना भारत की पहली चालू की गई अंतरराष्ट्रीय बिजली परियोजना है, जहां उत्पादित बिजली का 100 प्रतिशत दूसरे देश को आपूर्ति किया जाता है.
जून से पैदा हो रही बिजली
यह प्लांट जून 2023 में बिजली पैदा कर बांग्लादेश को सप्लाई कर रहा है. 30 जून तक, अडानी पावर का कर्ज 31 मार्च को 26,545 करोड़ रुपए से घटकर 25,653 करोड़ रुपए हो गया था. 30 जून को समाप्त तिमाही के लिए वित्त लागत पिछले वर्ष के 883 करोड़ रुपए से घटकर 811 करोड़ रुपए हो गई. अडानी पावर का नेट प्रॉफिट 2024-25 की पहली तिमाही में 55.33 प्रतिशत या 4,846.63 करोड़ रुपए घटकर 3,912.79 करोड़ रुपए रह गया, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 8,759.42 करोड़ रुपए था. दूसरी ओर, कंपनी का राजस्व 35.89 प्रतिशत या 3,950.09 करोड़ रुपए बढ़कर 14,955.63 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 11,005.54 करोड़ रुपए था.
घट रहा बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार
ब्लूमबर्ग ने 23 अगस्त को बताया कि बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो रहा है, 31 जुलाई तक ग्रॉस भंडार 20.5 बिलियन डॉलर था, जो लगभग तीन महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरिम सरकार इन आर्थिक कठिनाइयों से निपटने के लिए 4.7 बिलियन डॉलर के कार्यक्रम से परे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से और अधिक लोन प्राप्त करने की कोशिश कर रही है.

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