बांग्लादेश में क्या पढ़ने जाते हैं भारतीय छात्र? हिंसा के बीच 4500 स्वदेश लौटे

आरक्षण के विरोध में बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है. हिंसा में 133 लोगों की जान जा चुकी है. इस बीच,. बांग्लादेश में बड़ी संख्या में भारतीय और छात्र फंसे हुए हैं. विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के कारण 4,500 से अधिक भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं. भारतीय छात्रों के साथ नेपाल के 500 छात्र, भूटान से 38 और मालदीव से एक छात्र भी भारत वापस आए हैं.
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया. है कि बांग्लादेश में भारतीय मिशन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं. बांग्लादेश में इतने सारे भारतीय छात्रों के फंसे रहने की जानकारी सामने आने के बाद एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि आखिर भारतीय छात्र बांग्लादेश में क्या पढ़ने जाते हैं?
भारत, नेपाल, भूटान के छात्र जाते हैं बांग्लादेश

Update on return of Indian Nationals in Bangladesh: pic.twitter.com/GRWIWJAAiu
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) July 20, 2024

सिर्फ भारतीय ही नहीं, पड़ोसी देश नेपाल, भूटान से भी कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए बांग्लादेश जाते हैं. बांग्लादेश में अशांति शुरू होते ही वे डरकर घर लौट रहे हैं. घर लौटने में असमर्थ नेपाल, भूटान के छात्रों ने भारत में शरण ली है.विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बांग्लादेश से अब तक 4500 छात्र भारत लौट चुके हैं. नेपाल, भूटान और मालदीव के छात्र भी अपनी जान बचाने के लिए सीमा के रास्ते भारत में शरण ले चुके हैं.
बांग्लादेश में क्या पढ़ने जाते हैं छात्र?
बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी का दुनिया भर में नाम है. भारत या अन्य पड़ोसी देशों के अधिकांश छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने बांग्लादेश जाते हैं. इसके अलावा वहां नर्सिंग विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत बड़ी है. भारत में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय के छात्र बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. मेडिकल की पढ़ाई के लिए बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के छात्रों की भी पहली पसंद है.
छात्र क्यों जाते हैं बांग्लादेश?

21.07.2024
The Border Security Force @BSF_SOUTHBENGAL Frontier assisted in the safe repatriation of 572 Indian students,133 Nepalese students and 4 Bhutanese students from Bangladesh at ICP Petrapole, LCS Gede, Ghojadanga, and Mahadipur amidst arson and riots in Bangladesh. pic.twitter.com/TCFpjjJJ31
— BSF_SOUTH BENGAL: KOLKATA (@BSF_SOUTHBENGAL) July 21, 2024

भारत में बहुत सारे मेडिकल कॉलेज हैं. फिर छात्र बांग्लादेश क्यों जाते हैं? इसका मुख्य कारण भारत में शिक्षा का महंगा होना है. हमारे देश में एमबीबीएस की पढ़ाई काफी महंगी है. यहां कोर्स की फीस 5 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की फीस करोड़ रुपए तक की है. वहीं बांग्लादेश में पढ़ाई का खर्च बहुत कम है. बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च लगभग 25 लाख रुपये है. प्रति वर्ष या सेमेस्टर 25 हजार से 35 हजार रुपये खर्च होते हैं. प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क की आवश्यकता नहीं है. चूंकि बांग्लादेश की एमबीबीएस डिग्री भारत में स्वीकार की जाती है, इसलिए बाद में घर वापस अभ्यास करने में कोई समस्या नहीं होती है.
शिक्षण संस्थानों को मिली है अंततराष्ट्रीय मान्यता
बांग्लादेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज एनएमसी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. अधिकांश विश्वविद्यालय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भी मान्यता प्राप्त हैं. परिणामस्वरूप, इन विश्वविद्यालयों से डिग्री प्राप्त करने के बाद विदेश में नौकरी पाने में कोई कठिनाई नहीं होती है.
इसके साथ ही बांग्लादेश में मेडिकल अंग्रेजी में पढ़ाया जाता है. चूंकि बांग्ला पड़ोसी देश की मातृभाषा है. इसलिए यहां से गये विद्यार्थियों को ज्यादा परेशानी नहीं होती है. वहां वातावरण के अनुरूप ढलने में कोई परेशानी नहीं होती. मुख्य रूप से इन्हीं कारणों से भारत और पड़ोसी देशों से कई छात्र बांग्लादेश में पढ़ने जाते हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *