बांग्लादेश में चरमराया कपड़ा उद्योग, हिंसा ने ले डूबे 4,500 करोड़ रुपए, 900 कारखाने बंद

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ कहा जाने वाला कपड़ा उद्योग हिंसक विरोध-प्रदर्शनों, विनाशकारी बाढ़ और राजनीतिक अशांति के कारण संकट से जूझ रहा है. इसके कारण क्षेत्र की वृद्धि और वैश्विक स्तर पर उसकी पहुंच खतरे में आ गई है. बांग्लादेश की कुल निर्यात आय में 80 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी कपड़ा उद्योग की है और यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 11 प्रतिशत का योगदान देता है.
इतना ही नहीं कपड़ा उद्योग देश में लाखों लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराता है. आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ व्यापक स्तर पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के कारण पांच अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली गई थीं. वह फिलहाल भारत में ही हैं.
4,500 करोड़ रुपए का नुकसान
देश में दो माह तक प्रदर्शन, कर्फ्यू और हिंसा देखी गई. इस अशांति ने न केवल कारखानों के संचालन को बाधित किया है, बल्कि इससे गंभीर आर्थिक नुकसान भी हुआ. बांग्लादेश गार्मेंट मैनुफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (बीजीएमईए) ने हाल ही में वित्तीय घाटे की रिपोर्ट जारी की जिसमें बंद और संचार व्यवस्था बाधित होने के कारण 6,400 करोड़ टका (लगभग 4,500 करोड़ रुपए) के नुकसान का अनुमान जताया गया.
बीजीएमईए के नवनिर्वाचित अध्यक्ष खांडोकर रफीक-उल इस्लाम ने कहा कि इस वर्ष निर्यात को लगभग 45 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह स्थायी संकट नहीं है और हम इससे उबर जाएंगे. नुकसान के सही आकलन का बाद में पता चलेगा, लेकिन हां, इसका (अशांति और बाढ़ का) असर हुआ है.
कपड़ा उद्योग पर मंडराया संकट
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए पूर्व मंत्री एवं बीजीएमईए के अध्यक्ष गुलाम सरवर मिलन ने कहा कि राजनीतिक अशांति और बाढ़ से कपड़ा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि उत्पादन और कच्चे माल की सप्लाई चेन दोनों पर बुरा असर पड़ा है. कपड़ा उद्योग अभूतपूर्व संकट से जूझ रहा है. उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 15-20 प्रतिशत कम है. कई ऑर्डर प्रभावित हुए हैं क्योंकि निवेशक और ऑर्डर लाने वाले निवेश करने से कतरा रहे हैं. कई छोटी इकाइयां या तो बंद हो गई हैं या बड़ी इकाइयों के लिए ठेके पर काम कर रही हैं.
900 कारखाने हुए बंद
बीजीएमईए सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश में कपड़े के लगभग तीन हजार छोटे-बड़े कारखानों में से लगभग 800-900 पिछले साल से बंद हो चुके हैं. बड़े कारखाने तो बच गए हैं लेकिन छोटे और मध्यम स्तर के कारखानों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. अगर यही हालात रहे तो स्थिति और खराब होगी.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *