बांग्लादेश में जेल तोड़कर फरार हुए सैकड़ों कैदी, अब भारत में घुसपैठ की फिराक में
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद छह जेलों को तोड़कर कैदी फरार हो गये हैं. बांग्लादेश के ढाका के पास गाजीपुर की काशिमपुर सेंट्रल जेल से 200 कैदी फरार हो गये थे. पिछले 2 साल में जमात-ए-इस्लामी के जितने भी कैदी वहां थे, वे सभी जेल तोड़कर भाग चुके हैं. बुधवार को कुश्तिया में जेल अधिकारियों पर हमला कर 30 कैदी फरार हो गए. शहरपुर की जिला जेल से सोमवार को 500 कैदी फरार हो गए थे. इन कैदियों में कई जेएमबी के आतंकी भी हैं.
अब ये कैदी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं. इनमें से कई आतंकवादी मालदा से भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. बीएसएफ सूत्रों के अनुसार मालदा के पास भारत-बांग्लादेश की सीमा के पार करीब आठ जेएमबी के आतंकी छिपे हुए हैं.
दूसरी ओर, गांव वालों ने आशंका जताई है कि ये कैदी कभी भी नदी पारकर भारत में घुसपैठ कर सकते हैं. गांववालों का आरोप है कि बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड से उन्हें मदद मिल रही है. आतंकियों के घुसपैठ की आशंका से गांव वाले रात भर जागकर इलाके की पहरेदारी कर रहे हैं. बता दें कि इसी इलाके में गाय और हथियार तस्करी की शिकायतें पहले भी मिली है.
मालदा में घुसपैठ की फिराक में हैं आतंकी
मालदा जिले के हबीबपुर के जादव नगर गांव बीच में महानंदा नदी बहती है. उस पार बांग्लादेश चपाई नवाबगंज का भोलाहाट का इलाका है. अकस्ल भोलाहाट का नाम गाय और आर्म्स तस्करी के लिए सुर्खियों में आता रहता है. नदी के उस पार जंगली इलाका है.
गांव वालों का दावा है कि उसी के आड़ जमात के आतंकी छिपे हुए हैं. वे महानंदा नदी कभी भी पार कर भारत में घुसपैठ कर सकते हैं. इस कारण गांव वालों ने इलाके में बीएसएफ के ज्यादा जवानों की तैनाती की मांग की है.
हसीना सरकार की पतन के बाद हिंसा
बता दें कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में लगातार हिंसा हो रही है. हालांकि सीमा पर बीएसएफ अलर्ट है, लेकिन जिस तरह से बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा में कई नदी हैं और तार के बाड़ नहीं है. ऐसे में घुसपैठियों और आतंकियों के भारत में प्रवेश का रास्ता और भी आसान हो जाता है.
इस बीच, बांग्लादेश से शरणार्थी विभिन्न सीमाओं के माध्यम से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं. बुधवार को कूचबिहार, जलपाईगुड़ी सीमा पर लोग सीमा के दूसरी ओर खड़े दिखे. हालांकि, बीएसएफ ने कहा कि बिना किसी बल प्रयोग के बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों को सीमा में प्रवेश करने से रोका गया है.
इनपुटः शुभतोष भट्टाचार्य