बांग्लादेश में फंसे हजारों कश्मीरी छात्र, परिजनों ने बच्चों की वतन वापसी के लिए विदेश मंत्री से लगाई गुहार

बांग्लादेश में चल रहे हालात के बीच जम्मू कश्मीर के स्टूडेंट्स की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. इनके परिजन छात्राओं को सुरक्षित निकालने की मांग को लेकर विदेश मंत्री से गुहार लगा रहे है. बांग्लादेश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन, जिसमें कोटा विवाद में 105 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. इस घटना ने जम्मू – कश्मीर में अभिभावकों को परेशान कर दिया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक छात्र संघ ने भारत सरकार से कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए आग्रह किया है.
बांग्लादेश में 3500 से अधिक कश्मीरी छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं. साथ ही पूरे जम्मू-कश्मीर से 8000 से अधिक छात्र बांग्लादेश में हैं. लेकिन इस घटना से वहां के अभिभावक अपने बच्चों के बारे में चिंतित हैं. अभिभावकों और राजनेताओं ने भारत सरकार से कश्मीर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने की अपील की है.
विदेश मंत्री को लिखा पत्र
जम्मू कश्मीर छात्र संघ ने केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर उनसे हजारों भारतीय छात्रों के पुनर्वास में सहायता करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, जिनमें कश्मीर के छात्र भी शामिल हैं, जो इस समय बढ़ती हिंसा और अशांति के बीच बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ रहे हैं. छात्रों में से एक के अभिभावक तौसीफ अहमद ने कहा कि सरकार को उन सभी छात्रों को निकालना चाहिए जो कठिन परिस्थितियों में वहां फंसे हुए हैं.
हवाई उड़ानों की व्यवस्था करने की अपील
अंतरराष्ट्रीय शांति आंदोलन के अध्यक्ष फैयाज भट का कहना है कि उन्हें बांग्लादेश में जम्मू-कश्मीर के छात्रों से बड़ी संख्या में कॉल आ रही हैं. उन्होंने कहा कि वहां स्थिति बहुत गंभीर है और कई छात्रों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, वे अपने माता-पिता से बात नहीं कर पा रहे हैं जो कश्मीर में हैं. उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से छात्रों के लिए हवाई उड़ानों की व्यवस्था करने की भी अपील की. ​​फैयाज ने कहा कि वह बांग्लादेश में शांति सदस्यों के संपर्क में हैं.

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