बांग्लादेश में बदली जाएगी पुलिस की वर्दी, अतंरिम सरकार का एक्शन शुरू

बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने शपथ ले ली है. शपथ लेने के फोरन बाद सरकार एक्शन में नजर आ रही है, रविवार को गृह मंत्रालय के एडवाइजर सखावत हुसैन ने पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. दरअसल हिंसा शुरू होने के बाद से ही प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़पें हो रहीं थी, शेख हसीना के देश छोड़के जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को बड़े पैमाने पर निशाना बनाया. जिसके बाद बांग्लादेश की पुलिस अपनी ड्यूटी से भाग गई थी.
बैठक के बाद पुलिस ने अपनी हड़ताल वापस ली है और सखावत हुसैन से सोमवार को वापस अपने काम पर लौटने का वादा किया है. बांग्लादेश की सड़कों पर पुलिस के न होने से स्थिति बड़ी असहज हो गई थी, दूसरी तरफ अवाम लीग और अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाने की खबरें भी बढ़ी हैं. ऐसे में पुलिस की जरूरत को समझते हुए अंतरिम सरकार ने पुलिस की मांग सुनने और उनको वापस बुलाने का काम किया है.
पुलिस की डिमांड मानने की बात
द डेली स्टार की न्यूज के मुताबिक बैठक के बाद गृह सलाहकार ने बताया कि पुलिसकर्मियों की कई मांगें सही हैं और उन पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कुछ मांगें अभी पूरी हो सकती हैं जबकि कुछ को पूरा होने में समय लगेगा.
पुलिस की जरूरत के बारे में बोलते हुए सखावत हुसैन ने कहा, “अगर पुलिस नहीं होगी तो नागरिक सुरक्षित नहीं रहेंगे. इसलिए पुलिस को नुकसान न पहुंचाएं, अगर आपको कोई शिकायत है तो वरिष्ठ अधिकारियों को बताएं.” उन्होंने आगे कहा कि छात्रों ने उनसे कहा है कि उनकी पुलिस से कोई रंजिश नहीं है.
पुलिस की बदली जाएगी वर्दी
बांग्लादेश की नई सरकार पुलिस में कई रिफॉर्म भी लाने वाली है. जिसकी शुरुआत वर्दी और लोगो से हो रही है. सखावत ने कहा कि पुलिस की वर्दी और लोगो को जल्द से जल्द बदला जाएगा. पुलिस वाले अब इस वर्दी में बाहर नहीं जाना चाहते हैं.
सखावत ने जनता से अपील की कि वे पुलिस वालों को नुकसान न पहुंचाएं वे उनकी सुरक्षा के लिए हैं. साथ ही कहा विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस का जिस तरह से इस्तेमाल किया गया, उसके लिए राजनीतिक स्तर पर बैठे लोग और जारी किए गए आदेश ज़्यादा ज़िम्मेदार हैं. उनकी जांच की जाएगा और प्रभावित लोगों को जल्द ही इंसाफ दिलाया जाएगा.
बांग्लादेश पुलिस क्यों गई हड़ताल पर
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दौरान 42 पुलिसकर्मियों सहित 400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अत्याधिक बल प्रयोग से गुस्सा होकर देश के थानों को आग लगाई और पुलिस पर हमले करने शुरू कर दिए थे. नतीजतन पुलिस वाले अपनी जान बचाने के लिए ड्यूटी छोड़ भागे और देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया.

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