बांग्लादेश में शेख हसीना पर केस दर केस, अब तक दर्ज हो गए इतने मामले
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके सहयोगियों की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं. जहां एक तरफ वह और उनके सहयोगी कानूनी लड़ाइयों की एक लंबी सीरीज में उलझे हुए हैं. वहीं अब शेख हसीना और उनके पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, उनके सहयोगियों के खिलाफ चार नए मामले सामने आए हैं. अब उन पर दर्ज मामलों की संख्या 75 तक पहुंच गई है. इन मामलों में हत्या, मानवता के खिलाफ अपराध और कई आरोप शामिल हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक ढाका कोर्ट में तीन मामले 27 अगस्त को दर्ज किए गए, जबकि हत्या का एक और मामला दो दिन पहले बोगुरा में दर्ज किया गया था. इनके साथ अब अपदस्थ पीएम शेख हसीना विरोध प्रदर्शनों से जुड़े 75 मामलों का सामना कर रही हैं, जिनमें 63 मामले हत्या के आरोप में दर्ज किए गए हैं. सात मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोप में दर्ज किए गए हैं और तीन अपहरण के आरोप में और दो किसी अन्य आरोप के चलते दर्ज किए गए हैं.
हत्या का मामला दर्ज कराया
19 जुलाई को कोटा के बनश्री में कोटा सिस्टम को लेकर किए जा रहे आंदोलन के दौरान एक किराने की दुकान के मालिक की मौत पर हसीना और 30 और लोगों पर केस दर्ज किया गया था. पीड़ित के पिता ने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एमडी तोफज्जल हुसैन की कोर्ट में हत्या का मामला दर्ज कराया था, जिन्होंने खिलगांव पुलिस स्टेशन में इसे FIR के रूप में दर्ज करने के लिए कहा था. कोर्ट ने उसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को उसी दिन 14 साल के बच्चे की मौत से जुड़े एक और मामले में शेख हसीना और 26 और के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कहा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक मामला 18 जुलाई को छात्रों के कोटा सिस्टम विरोध के दौरान ढाका बार एसोसिएशन के एक वकील की हत्या की कोशिश से जुड़ा है. आरोप में हसीना और 50 और के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. बोगुरा में 35 वर्षीय पीड़िता की शेख हसीना के सत्ता से हटने से एक दिन पहले यानी 4 अगस्त को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शेख हसीना, तीन लोकल पत्रकारों और 130 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था.
600 से ज्यादा लोगों की मौत
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने 5 अगस्त को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और भारत आ गईं. हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को अंतरिम सरकार से रिप्लेस कर दिया गया. इसके बाद मोहम्मद यूनुस को देश के चीफ एडवाइजर के तौर पर नामित किया गया. बांग्लादेश में हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए, सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्ट के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई है.