बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति खतरनाक… पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद ने खुद माना

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद हिंदुओं पर अत्याचार बढ़े हैं. इस्कॉन के हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को लेकर बवाल मचा हुआ है. हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब पूर्व शेख हसीना सरकार के विदेश मंत्री हसन महमूद ने यूनुस सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति खतरनाक है.
एक अज्ञात स्थान से पीटीआई के साथ एक विशेष टेलीफोन साक्षात्कार में हसन महमूद ने कहा कि कट्टरपंथियों और आतंकी ताकतों को बढ़ावा देना और भारत विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा देना यूनुस सरकार की रणनीति है. इसने बांग्लादेश को पूर्ण अराजकता की ओर धकेल दिया है.
उन्होंने कहा किबांग्लादेश की अंतरिम सरकार लोकतंत्र की जगह भीड़तंत्र को प्रश्रय दे रही है. बता दें कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद हसन महमूद बांग्लादेश छोड़कर भाग गए थे और वह अज्ञात स्थान में छिपे हुए हैं.
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए खतरा
उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निष्कासन के बाद से बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी सहित कई चरमपंथी समूह देश में काफी एक्टिव हो गए हैं.
हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमले पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि यह वहां अल्पसंख्यक विरोधी भावना को दर्शाता है और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है.
इस बीच, बांग्लादेश के चटगांव में मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों और चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के अनुयायियों के बीच झड़प हुई. इस झड़प के दौरान एक सहायक सरकारी वकील की हत्या कर दी गई. इस हत्या के आरोप में पुलिस ने 30 लोगों को हिरासत में लिया है. शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के कारण इस्कॉन के महंत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को सोमवार को ढाका में गिरफ्तार कर लिया था.
ट्रंप प्रशासन से पूर्व विदेश मंत्री ने की ये मांग
महमूद ने विशेष बातचीत में उम्मीद जताई कि अमेरिका में नया ट्रम्प प्रशासन “बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और सभी दलों के लिए जल्द से जल्द समान अवसर” के लिए जोर देगा. उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक बांग्लादेश ही क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा में योगदान दे सकता है.
पूर्व विदेश मंत्री ने ढाका में पाकिस्तान दूतावास की “बढ़ी हुई गतिविधियों” पर भी चिंता जताते हुए कहा कि अशांति फैलाने में विदेशी संलिप्तता के सबूत मिले हैं. पाकिस्तान इन चरमपंथी समूहों के साथ जुड़ा हुआ है. महमूद ने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति गंभीर है. हिंदू और बौद्ध मंदिरों पर हमले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में हिंदुओं के खिलाफ किसी न किसी तरह की आक्रामकता देखी गई है. अंतरिम सरकार इन समुदायों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा है. पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले तीन महीनों में देश मेंअल्पसंख्यकों और मंदिरों पर कई भयानक हमले हुए हैं, लेकिन सरकार इन्हें रोकने के लिए कदम नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि देश में जो लोग धर्मनिरपेक्ष राजनीति के खिलाफ खड़े हैं, वे अब दंड से मुक्त होकर काम कर रहे हैं.

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