बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा- नई सरकार देश में लाए शांति
बांग्लादेश में हिंसा और शेख हसीना के तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस के नेतृत्व एक अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन इस बीच बांग्लादेश के कई हिंदू परिवारों पर हमला हुआ. इसको लेकर भारत में भी कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. इसके साथ ही कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बांग्लादेश में हो रहे हमलों की रिपोर्ट पर अपनी चिंता व्यक्त की है.
उन्होंने कहा कि इस बात पर गौर करना चाहिए कि बांग्लादेश में देश की बहु-धार्मिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रभावशाली आवाजें उठ रही हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहां अल्पसंख्यकों और उनकी संपत्तियों के साथ पूजा स्थलों पर हो रहे हमलों की रिपोर्टों पर अपनी चिंता व्यक्त करती है. आगे उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को उम्मीद है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यक समुदायों में विश्वास पैदा करने के लिए सशक्त कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार सुनिश्चित करेगी कि वे सुरक्षा, सम्मान और सद्भाव के माहौल में अपना जीवन व्यतीत करते रहें.
पैसों के लिए तरस रहें लोग
अंतरिम सरकार बनने के बावजूद बांग्लादेश के लोगों को एक और संकट का सामना करना पड़ रहा है. हिंसा के बाद अब वहां के लोग पैसों के लिए तरस रहे हैं. बांग्लादेश में इस समय ज्यादातर बैंकों के एटीएम अभी भी बंद हैं. बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, सुरक्षा कारणों से ज्यादातर एटीएम में पैसे नहीं पहुंचाए जा रहे हैं. रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि इसके अलावा, कई बैंक शाखाएं अभी तक नहीं खुली हैं. ऐसे में बांग्लादेश के आम लोगों को कैश की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने क्या कहा?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “बांग्लादेश में स्थिति चिंताजनक है. प्रधानमंत्री कूटनीतिक माध्यमों से इस बारे में काम करेंगे और धीरे-धीरे स्थिति बेहतर होगी. कांग्रेस परिवार और प्रियंका गांधी ने गाजा के बारे में बहुत पोस्ट किए. गाजा में जो हुआ वह एक आतंकवादी गतिविधि थी और अब जो हो रहा है वह आतंकवाद विरोधी कार्रवाई है, लेकिन बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए उन्होंने कितनी बार पोस्ट किया है या विरोध किया है?” उन्होंने आगे कहा कि “कांग्रेस ने साबित कर दिया है कि दुनिया में कहीं भी मुसलमानों के लिए कोई समस्या होगी तो वे उनके लिए हमेशा खड़े हैं लेकिन वहीं अगर कोई हिंदू समस्या में हैं, तो वे वहां नहीं होंगे. वे केवल हिंदुओं को जाति के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं और कुछ नहीं.”