बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ फूटा गुस्सा, किया प्रदर्शन, कल युनुस से मिलेंगे
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट और हिंसा के दौरान हिंदु अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है. कईयों की हत्या हुई थी और दुकानें लूट ली गई थी. इसके खिलाफ शनिवार को ढाका समेत बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद अंतरिम सरकार के मुखिया डॉक्टर यूनुस ने हिंदू छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को सोमवार को मिलने के लिए आमंत्रित किया है. यह मुलाकात सरकार और हिंदू समुदाय के बीच जारी तनाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
हिंदू छात्र संगठनों ने अपनी आठ मुख्य मांगों को लेकर जोरदार आवाज उठाई है. उनकी प्रमुख मांग अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने अत्याचार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना की मांग की है. उनका कहना है कि यह न्यायाधिकरण दोषियों को जल्द और उचित सजा सुनिश्चित करेगा और पीड़ितों को मुआवजा तथा पुनर्वास की व्यवस्था करेगा.
अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून और मंत्रालय की मांग
दूसरी मांग में हिंदू छात्र संगठनों ने ‘अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून’ के तुरंत लागू होने की मांग की है. इसके अलावा, उन्होंने ‘अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय’ स्थापित करने की आवश्यकता भी जताई है, जो अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर केंद्रित होगा और उनके हितों की रक्षा करेगा.
छात्र संगठनों ने हिंदू धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को एक फाउंडेशन में बदलने की मांग की है, जिससे हिंदू समुदाय के धार्मिक और सामाजिक कार्यों को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके. साथ ही, उन्होंने देवोत्तर संपत्ति की वसूली और संरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग की है, ताकि अल्पसंख्यकों की संपत्ति की सुरक्षा हो सके.
दुर्गा पूजा के लिए सार्वजनिक अवकाश की मांग
छात्रों की अंतिम मांग शारदीय दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की है. उनका कहना है कि दुर्गा पूजा हिंदू समुदाय के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण त्योहार है, और इसे मनाने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए.
हिंदू छात्र संगठनों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी ये मांगें नहीं मानीं, तो वे देश भर में असहयोग आंदोलन करेंगे. अब सबकी निगाहें सोमवार को होने वाली इस महत्वपूर्ण मुलाकात पर टिकी हैं, जिसमें इन मांगों पर सरकार का रुख स्पष्ट हो सकेगा.
हिंदू छात्र संगठनों ने की ये मांगें
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए एक त्वरित न्यायाधिकरण स्थापित करें, जिससे दोषियों को जल्द और उचित सजा दी जा सके और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा और पुनर्वास प्रदान किया जा सके.
अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून’ को तुरंत लागू करें.
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय’ स्थापित करें.
हिंदू धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को एक हिंदू फाउंडेशन में बदलें और इसी तरह बौद्ध और ईसाई धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को भी फाउंडेशन में परिवर्तित करें.
‘देवोत्तर संपत्ति की वसूली और संरक्षण के लिए कानून’ बनाएं और ‘वेस्टेड प्रॉपर्टी रिटर्न एक्ट’ को सही तरीके से लागू करें.
हर शैक्षणिक संस्थान में अल्पसंख्यकों के लिए उपासना स्थल बनाएं और हर छात्रावास में प्रार्थना कक्ष का प्रावधान करें.
‘संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड’ का आधुनिकीकरण करे.
शारदीय दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित करें.