बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया… मोहम्मद यूनुस का ये कैसा तर्क, भारत पर लगाया प्रोपेगेंडा का आरोप

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर बात की उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बड़ा बनाया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने भारत में इसको दिखाए जाने के तरीके पर सवाल उठाया. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले सांप्रदायिक से ज्यादा राजनीतिक हैं. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि मैंने पीएम मोदी से भी यह कहा है कि यह इस मुद्दे को बढ़ाकर बताया जा रहा है, जबकि इस मुद्दे के कई आयाम हैं.
उन्होंने आगे कहा कि देश शेख हसीना और अवामी लीग के अत्याचारों के बाद उथल-पुथल से गुजरा, तो जो लोग उनके साथ थे. उन्हें भी हमलों का सामना करना पड़ा. अब अवामी लीग के कार्यकर्ताओं की पिटाई करते समय, उन्होंने हिंदुओं को पीटा था क्योंकि ऐसी धारणा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं का मतलब अवामी लीग के समर्थक हैं. मैं यह नहीं कह रहा कि जो हुआ वह सही है, लेकिन कुछ लोग इसे संपत्ति जब्त करने के बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं.
अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने के तुरंत बाद, पिछले महीने नई दिल्ली के साथ अपने पहले सीधे संपर्क में यूनुस ने पीएम मोदी को बताया कि ढाका हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा. बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की और हिंसा प्रभावित देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा पर ध्यान देने पर जोर दिया.
शेख हसीना को लेकर कही ये बात
मोहम्मद यूनुस ने भारत के साथ अच्छे संबंधों की इच्छा व्यक्त की लेकिन जोर देकर कहा कि नई दिल्ली को यह कथन छोड़ देना चाहिए कि बांग्लादेश शेख हसीना के नेतृत्व में एक और अफगानिस्तान में बदल जाएगा.भारत के लिए आगे का रास्ता कहानी से बाहर आना है. कहानी यह है कि हर कोई इस्लामवादी है, बीएनपी इस्लामवादी है और बाकी सभी इस्लामवादी हैं और इस देश को अफगानिस्तान बना देंगे और शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश सुरक्षित हाथों में है. भारत को इस नैरेटिव से बाहर आने की जरूरत है. बांग्लादेश, किसी भी अन्य देश की तरह, सिर्फ एक और पड़ोसी है. जब वह अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं से मिले, तो उन्होंने उनसे समान अधिकारों वाले देश के नागरिक के तौर विरोध करने की बात कही, न कि सिर्फ हिंदू के तौर पर.
हिंदूओं से किया यह अनुरोध
उन्होंने यह भी कहा, यहां तक कि जब मैं हिंदू समुदाय के सदस्यों से मिला तो मैंने उनसे अनुरोध किया था कि अपनी पहचान हिंदू के रूप में न बताएं. बल्कि, आपको यह कहना चाहिए कि आप इस देश के नागरिक हैं और आपके पास समान अधिकार हैं. यदि कोई नागरिक के रूप में आपके कानूनी अधिकारों को छीनने की कोशिश करता है, तो उपाय हैं.

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