बांग्लादेश में हिंसा के बीच UAE में क्यों गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी?
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विरोध में हो रहा प्रदर्शन बांग्लादेश अब संयुक्त अरब अमीरात जा पहुंची है, जिसके बाद यूएई की सरकार ने बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है. बांग्लादेशी प्रवासी ने यूएई में उस स्थान पर प्रदर्शन करना शुरू किया, जहां पर विरोध प्रदर्शन करने पर बैन लगाया गया है.
यूएई में भारतीय और पाकिस्तानियों के अलावा बांग्लादेशी प्रवासी सबसे ज्यादा रहते हैं, जिन्होंने बांग्लादेश में हो रहे विरोध प्रदर्शन को सपोर्ट करने के लिए यूएई में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जिसके बाद कई बांग्लादेशी प्रवासियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि यूएई में प्रदर्शनों को बैन किया गया है. यूएई की मीडिया के मुताबिक, अभी तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है इस बात का खुलासा नहीं किया गया है. सभी गिरफ्तार प्रवासियों पर सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होकर अशांति भड़काने के इरादे से अपनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आरोप लगाया गया है.
यूएई के सुरक्षा के खिलाफ किया प्रदर्शन
बांग्लादेश में यह विरोध प्रदर्शन काफी दिनों से चल रहा है, जिसमें लोगों ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग की है, जिसके बाद से ये प्रदर्शन इतना ज्यादा बढ़ गया कि 120 लोगों से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सरकार की तरफ से जारी किए बयान में कहा गया कि सरकारी अभियोजन ने आगे की जांच तक उन्हें हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है, इन गिरफ्तार हुए प्रवासियों पर यूएई के हितों और सुरक्षा को खतरे में डालने और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने का आरोप लगाया गया है.
बांग्लादेश की अशांति बनी पीएम की चुनौती
हालांकि यूएई के अधिकारियों ने किसी भी बयान में ये जानकारी नहीं दी है कि यह विरोध प्रदर्शन कब और कहां हुआ या कितने लोगों पर संदेह है कि उन्होंने हिंसा की है. सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली के बारे में क्रिटिक्स ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री शेख हसीना के 15 साल के शासन को समर्थन देने वालों को फायदा पहुंचता है. बांग्लादेश में फैल रही अशांति उसके 76 साल की प्रधानमंत्री के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिन्होंने 2009 से देश पर शासन किया है और बिना किसी वास्तविक विरोध के मतदान के बाद जनवरी में अपना लगातार चौथा चुनाव जीता है