बांग्लादेश: मोहम्मद यूनुस पहुंचे ढाकेश्वरी मंदिर, क्या हिंदुओं को संदेश देने की कोशिश?
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने आज ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात की.
अंतरिम सरकार का यह कदम सांकेतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल ढाकेश्वरी मंदिर बांग्लादेश में हिंदुओं के सबसे पवित्र शक्तिपीठ और बड़े मंदिरों में से एक है. ऐसे में मोहम्मद यूनुस का दौरा अल्पसंख्यकों में सरकार के प्रति भरोसा पैदा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
हिंदुओं से धैर्य रखने की अपील की
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने आंदोलनकारी हिंदू छात्रों से भी मुलाकात की और उनकी 8 सूत्रीय मांगों पर चर्चा की. उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हमले रोकने के लिए जरूरी उपाय का भी भरोसा दिलाया है. साथ ही उन्होंने हिंदू समुदाय के लोगों से धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा है कि उनके काम के आधार पर मूल्यांकन होना चाहिए.
ढाकेश्वरी मंदिर में हिंदू समुदाय से बात करते मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने समानता के अधिकार का जिक्र करते हुए कहा है कि “लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें हिंदू, मुसलमान या सिख के तौर पर नहीं बल्कि एक इंसान के तौर पर देखा जाना चाहिए.” उन्होंने सभी के अधिकारों को सुनिश्चित करने का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि देश की दुर्दशा के लिए बदहाल सिस्टम जिम्मेदार है, जिसमें सुधार करने की जरूरत है.
7 दिन में 200 से ज्यादा घटनाएं
बांग्लादेश में बीते 7 दिनों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ 200 से ज्यादा हमले की जानकारी सामने आ चुकी है. हालांकि अंतरिम सरकार के गठन के बाद से इन घटनाओं में कमी आई है लेकिन पूरी तरह से लगाम नहीं लगी है. ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया का हिंदुओं के सबसे बड़े मंदिर में जाना और हिंदू समुदाय के लोगों के साथ मुलाकात करना एक अच्छा कदम माना जा सकता है. बता दें कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नाम ढाकेश्वरी मंदिर के नाम पर ही रखा गया था.
यूनुस सरकार के सामने बड़ी चुनौती
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद 8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर पद की शपथ ली थी. बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन ने जहां शेख हसीना की कुर्सी छीन ली, वहीं आवामी लीग के सत्ता से बाहर होते ही हिंदुओं के खिलाफ हिंसा होने लगी. भारत, अमेरिका समेत कई देशों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की निंदा की है, ऐसे में अंतरिम सरकार पर कानून व्यवस्था बहाल करने और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बड़ी चुनौती है.